
लॉकडाउन के दौरान देश के डॉक्टर्स कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हैं, वहीं दूसरी और कई डॉक्टर की टीम मिलकर इमरजेंसी केस संभाल रही हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इमरजेंसी केस में लगे हुए डॉक्टर्स मरीजों के लिए अपना खून दान कर रहे हैं.
aajtak.in से खास बातचीत करते हुए डॉक्टर कविराज कौशिक ने बताया, इमरजेंसी के दौरान कई ऐसे केस आते हैं, जिनमें मरीजों को खून की जरूरत होती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण मरीजों को खून देने के लिए उनके परिजन नहीं आ पाते हैं. इसलिए डॉक्टर्स ने उन सभी मरीजों के लिए खून दान करने की योजना बनाई है.
Corona Live: हरियाणा में कोरोना के 227 पॉजिटिव केस, 88 मरीज हुए ठीक
डॉक्टर कौशिक ने बताया, जब ब्लड बैंक की ओर से जानकारी आई और मालूम चला कि अब बैंक में खून की कमी होने लग गई है, तो ये हमारे लिए चिंता का विषय था.
इमरजेंसी के दौरान कई ऐसे केस आते हैं, जिनमें मरीजों को खून की आवश्यकता पड़ती है. सही समय पर और सही ग्रुप का खून न मिलने पर मरीज की जान भी जा सकती है.
लॉकडाउन के दौरान थैलेसीमिया के मरीज सिर्फ घर बैठकर अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकते हैं. उन्हें बार-बार खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में ब्लड बैंक में खून का खत्म हो जाना इन मरीजों के लिए चिंता की बात है, लेकिन डॉक्टर ने मिलकर इसका हल निकाल लिया है.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें.
डॉक्टर कौशिक ने बताया, लॉकडाउन के दौरान किसी भी प्रकार के ब्लड डोनेशन कैंप नहीं लग रहे हैं, न ही कोई खून देने अस्पताल आ पा रहा है. ऐसे में हमने मिलकर खून दान करने का निर्णय लिया.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
हम सीधे तरीके से कोरोना के मरीजों का इलाज तो नहीं कर रहे हैं. लेकिन अस्पताल में इमरजेंसी केस संभाल रहे हैं. जिसमें 12 से 36 घंटे तक की शिफ्ट भी करनी पड़ जाती है. डॉक्टर कौशिक भी खून दे चुके हैं. वह दिल्ली के साकेत इलाके में रहते हैं. वर्तमान में राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में कार्यरत हैं.