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जानिए सोवियत रूस के आखिरी शासक के बारे में

1985 में मिखाइल गोर्बाचेव सोवियत संघ के राष्ट्रपति चुने गए थे. वे देश के अंतिम राष्ट्रपति साबित हुए. उन्हें सोवियत संघ की पुनर्निर्माण नीति की शुरुआत के लिए जाना जाता है. 

eighth and final leader of the Soviet Union eighth and final leader of the Soviet Union

साल 1985 में मिखाइल गोर्बाचोव कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने. उस समय सोवियत संघ जटिल आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों से जूझ रहा था. गोर्बाचेव ने ग्लासनोस्त और पेरेस्त्रोइका की नीतियों की शुरुआत की. साथ ही विश्व भर में एक उदारवादी नेता की ख्याति अर्जित की.

सोवियत रूस के आखिरी जनरल सेक्रेटरी मिखाइल गोर्बाचोव का जन्म साल 1931 में 2 मार्च के दिन हुआ था. 15 अगल-अलग आज़ाद मुल्कों में बंटने के बाद भी उनके नेतृत्व ने सोवियत रूस को एक नई दिशा दी.

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गोर्बाचोव के दो सुधारवादी कार्यक्रम पेरेस्त्रोइका और ग्लासनॉस्ट का सोवियत रूस पर ख़ासा प्रभाव पड़ा.

बर्लिन दीवार के टूटने, शीत युद्ध की समाप्ति और यूरोप में साम्यावाद के पतन में उनकी बड़ी भूमिका रही.

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1990 में उन्हें शांति के नोबल पुरस्कार से भी नवाज़ा गया.

गोर्बाचोव ने हाल ही में 700 पन्नों की एक किताब रिलीज़ की, जिसमें उनके संस्मरण, पत्र और इंटरव्यू का संग्रह है.

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