
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच कई मुद्दों को लेकर टकराव चल रहा है. इस वजह से जेंडर सेंसिटाइजेशन कमेटी अगेंस्ट सेक्शुअल हरैसमेंट (जीएसकैश) के छात्र प्रतिनिधि पद का चुनाव नहीं हो पाया है.
जीएसकैश विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़नों के शिकायतों को देखता है. इसका चुनाव हर साल अप्रैल में होता है. पिछले साल इस चुनाव का आयोजन कैंपस में विवाद छिड़ जाने के कारण नहीं हो पाया था. जीएसकैश में दो चुने हुए प्रतिनिधि , संकाय सदस्य, ऑफिस स्टाफ और जेएनयूएसयू के प्रतिनिधि और जेएनयू स्टाफ एसोसिएशन के अधिकारी होते हैं.
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडे ने बताया, ‘विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र के बीच नौ फरवरी को हुई घटना को लेकर टकराव चल रहा था. अब प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन को भी अपराध के बराबर मान लिया है. हम लोग इस महत्वपूर्ण समिति का चुनाव करवाने में सक्षम नहीं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव कराने का प्रस्ताव सर्दी के बाद कक्षा बहाल होने के बाद उठाएंगे.’ जेएनयू में छात्र संघ का चुनाव और जीएसकैश का चुनाव अलग-अलग होता है.
जीएसकैश विश्वविद्यालय में ऑटोनॉमस बॉडी के रूप में काम करता है. इसका गठन 1999 में किया गया था.