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मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 12वीं कक्षा की हिंदी की बोर्ड परीक्षा में 'जातिगत आरक्षण देश के लिए घातक' विषय पर निबंध लिखने को कहा गया था. इस पर उठे विवाद के बाद अब सरकार ने इसका मूल्यांकन नहीं किए जाने का निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को 12वीं बोर्ड परीक्षा के हिन्दी प्रश्न-पत्र में जातिगत आरक्षण संबंधी निबंध के प्रश्न को शामिल करने की जांच के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि आरक्षण संबंधी उक्त प्रश्न को शून्य घोषित किया जाता है और उसका मूल्यांकन नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री चौहान ने परीक्षा प्रश्न-पत्र में इस तरह की गलती पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हम जातिगत आरक्षण के पक्षधर हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रश्न-पत्र में 'जातिगत आरक्षण देश के लिए घातक' विषय पर निबंध का प्रश्न शामिल करना गलत है. यह दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है और सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है. इसकी जांच अपर मुख्य सचिव वन दीपक खांडेकर से कराई जाएगी और इसके लिए जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा.
आपको बता दें कि 5 मार्च को 12वीं के हिंदी के पर्चे के प्रश्न नंबर 28 में छात्रों से पांच विषयों पर 200 शब्दों में निबंध लिखने को कहा गया था. इन्हीं विकल्पों में से एक 'जातिगत आरक्षण देश के लिए घातक' विषय था.