Advertisement

44 साल पहले लगी इमरजेंसी के बारे में वो बातें जो शायद आपको न पता हों

आज से ठीक 44 साल पहले देश में आपातकाल यानी इमरजेंसी लगा दी गई थी. इसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय भी कहा जाता है. 25 जून 1975 की आधी रात को आपातकाल की घोषणा की गई थी जो 21 मार्च 1977 तक लगी रही.

आधी रात को की गई आपातकाल की घोषणा आधी रात को की गई आपातकाल की घोषणा
मानसी मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2019,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

आज से ठीक 44 साल पहले देश में आपातकाल यानी इमरजेंसी लगा दी गई थी. इसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय भी कहा जाता है. 25 जून 1975 की आधी रात को आपातकाल की घोषणा की गई थी जो 21 मार्च 1977 तक लगी रही. आइए जानते हैं इमरजेंसी को लेकर कुछ रोचक तथ्य -

1. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी. 26 जून को रेडियो से इंदिरा गांधी ने इसे दोहराया.

Advertisement

2. आकाशवाणी पर प्रसारित अपने संदेश में इंदिरा गांधी ने कहा कि जब से मैंने आम आदमी और देश की महिलाओं के फायदे के लिए कुछ प्रगतिशील कदम उठाए हैं, तभी से मेरे खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही थी.

3. आपातकाल के पीछे सबसे अहम वजह 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से इंदिरा गांधी के खिलाफ दिया गया फैसला बताया जाता है. यह फैसला 12 जून 1975 को दिया गया था.

4. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को रायबरेली के चुनाव अभियान में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का दोषी पाया था. साथ ही उनके चुनाव को खारिज कर दिया था. इतना ही नहीं, इंदिरा गांधी पर छह साल तक के लिए चुनाव लड़ने या कोई पद संभालने पर भी रोक लगा दी गई थी.

5. उस वक्त जस्टिस जगमोहनलाल सिन्हा ने यह फैसला सुनाया था. हालांकि 24 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश बरकरार रखा, लेकिन इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बने रहने की इजाजत दी.

Advertisement

6. बताया जाता है कि आपातकाल के दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों को स्थगित कर दिया गया था.

7. सुप्रीम कोर्ट ने 2 जनवरी, 2011 को यह स्वीकार किया था कि देश में आपातकाल के दौरान इस कोर्ट से भी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ था. आपातकाल लागू होते ही आंतरिक सुरक्षा कानून (मीसा) के तहत राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी शुरू हो गई थी.

8. गिरफ्तार होने वालों में जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फर्नांडिस और अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल थे. 21 महीने तक इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू रखा इस दौरान विपक्षी नेताओं को जेलों में ठूंस दिया गया.

9. आपातकाल लागू करने के लगभग दो साल बाद विरोध की लहर तेज होती देख प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकसभा भंग करके आम चुनाव कराने की सिफारिश कर दी. देश के लिए वो 21 माह जेल सरीखे बीते थे.

10. कहा जाता है कि आपातकाल के दौरान संजय गांधी और उनके दोस्तों की चौकड़ी ही देश को चला रहे थे और उन्होंने इंदिरा गांधी को एक तरह से कब्‍जे में कर लिया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement