
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के निर्देश पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से अब विश्वविद्यालयों की तरह केंद्रीय विद्यालयों की रैंकिंग भी की जाएगी. एचआरडी मिनिस्ट्री अपने 1000 से अधिक केंद्रीय विद्यालयों को रैंकिंग देगा, जो सरकार की ओर से अपने आप में एक बड़ी पहल है. ये फैसला इसलिए लिया गया है ताकि विद्यालयों और शिक्षा के स्तर में बेहतर सुधार लाया जाए.
ऐजंसियों के मुताबिक इस पहल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसका रिजल्ट 2018 में जून के महीने में घोषित किया जाएगा. रैंकिंग के लिए स्कूलों का निरीक्षण दो बार किया जाएगा. केंद्रीय विद्यालयों को चार श्रेणियों में बांटा जाएगा और अधिकतम 1,000 पॉइंट्स होंगे.
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इन्हें चार भागों को 'ए', 'बी', 'सी' और 'डी' श्रेणियों में रखा जाएगा. ये इस प्रकार है:-
ए-श्रेणी: 80 प्रतिशत या इससे अधिक
बी-श्रेणी: 60-79.9 प्रतिशत अंक
सी-श्रेणी : 40-59.9 प्रतिशत अंक
डी-श्रेणी : 40 प्रतिशत औसत से कम
भाषा की रिपोर्ट के अनुसार 1,000 से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों का मूल्यांकन सात पैरामीटर्स में किया जाएगा, जिसमें अकडेमिक परफॉर्मेंस, स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन , फाइनेंस, कम्यूनिटी पार्टिसिपेशन, ग्रेस पॉइंट्स और निरीक्षकों के आधार पर किया जाएगा. जिन विद्यालयों में ये सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी 500 पॉइंट्स दिए जाएंगे.
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इन 500 पॉइंट्स को इस प्रकार बांटा गया है:-
स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर : 150 पॉइंट्स
स्कूल ऐडमिनिस्ट्रेशन: 120 पॉइंट्स
फाइनेंस: 70 पॉइंट्स
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कम्यूनिटी पार्टिसिपेशन : 60 पॉइंट्स
ग्रेस पॉइंट्स: 90 पॉइंट्स
पर्यवेक्षण : 10 पॉइंट्स
बता दें देश में केंद्रीय विद्यालयों की यह पहली ऑफिशियल रैंकिंग होगी. देश में उच्च शैक्षिक संस्थानों का मूल्यांकन और प्रत्यायन नैशनल असेसमेंट एंड ऐक्रिडिटेशन काउंसिल (NAAC) द्वारा किया जाता है. NAAC एक स्वायत्त संस्थान है जिसको फंड्स यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन से मिलता है.