
दिल्ली सरकार के नए एजुकेशन सिस्टम से अन्य राज्य की सरकारें भी प्रभावित हो रही है. अब अन्य राज्य भी दिल्ली सरकार की ओर से एजुकेशन सिस्टम में किए गए बदलावों को अपनाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड में दिल्ली के सिस्टम को फॉलो किया जा सकता है. आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड सरकार प्रदेश की स्कूलों में हैप्पनीनेस कोर्स को शामिल कर सकती है, जिसके लिए दिल्ली सरकार की काफी चर्चा हुई थी.
रिपोर्ट्स के अनुसार आंध्र-प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जो इस हैप्पीनेस कोर्स को एजुकेशन सिस्टम में शामिल कर सकता है. वहीं उत्तराखंड में 'गवर्मेंट स्कूल, हैप्पी स्कूल' के तहत हैप्पीनेस क्लासेज शुरू की जाएगी. बताया जा रहा है कि जुलाई से इसकी शुरुआत की जा सकती है.
उत्तराखंड के शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता की वजह से इस कोर्स की शुरुआत अप्रैल में नहीं की जा सकती है और यह क्लासेज जुलाई में शुरू कर दी जाएगी. इस कोर्स की शुरुआत करना क्वालिटी एजुकेशन देना है. वहीं लद्दाख, तमिलनाडु, तेलंगाना और झारखंड राज्य भी इस कोर्स में अपनी रूचि दिखा चुके हैं.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने 2018 में सरकारी स्कूलों में इस कोर्स की शुरुआत की थी. इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई थी और शिक्षकों के लिए हैंडबुक भी बनाए गए थे. दिल्ली सरकार के इस कोर्स की काफी चर्चा हुई थी और कई संगठनों ने इसकी तारीफ भी की थी, जिसमें बच्चों को सिर्फ पढ़ाई के साथ अलग एक्टिविटी भी करवाई जाती है.
क्या है हैप्पीनेस कोर्स?
'हैप्पीनेस करिकुलम' के तहत नर्सरी से लेकर 8वीं क्लास तक के बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत करना है. स्कूलों में हर रोज 45 मिनट का 'हैप्पीनेस' पीरियड होता है. इस पीरियड की शुरुआत 5 मिनट के मेडीटेशन के साथ होती है. 'हैप्पीनेस करिकुलम' कोर्स में बच्चों को कहानियों के जरिए अच्छी बातें सिखाई जाती है. सरकार ने इस योजना पर एक किताब भी जारी की गई है.