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सिस्मोलॉजिस्‍ट बन लगाएं भूकंप का पता...

सिस्मोलॉजी इंजीनियरिंग की एक ऐसी ब्रांच है जिसके बारे में कम ही लोग सोचते हैं. लेकिन करियर के लिहाज से देखें तो इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं.

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सिस्मोलॉजी इंजीनियरिंग की एक ऐसी ब्रांच है जिसके बारे में कम ही लोग सोचते हैं. लेकिन करियर के लिहाज से देखें तो इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. इस फील्ड में नौकरियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में जितने प्रोफेशनल्स की मांग है उससे लगभग आधी संख्या में ही इस फील्ड के विशेषज्ञ इस समय उपलब्ध हैं.

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क्या है सिस्मोलॉजी:
वैसे तो अर्थक्वेक इंजीनियरिंग यानी सिस्मोलॉजी को इंजीनियरिंग की नई शाखा कहा जाता हैं, लेकिन ये इंजीनियरिंग का एक बहुत पुराना हिस्सा हैं. पहले सिस्मोलॉजी की तरफ युवाओं का ज्यादा ध्यान नहीं था, लेकिन हाल के दिनों में पृथ्वी की प्लेटों में बढ़ती हलचलों, भूकंप संबंधित क्षेत्रों में हो रहे विस्तार ने लोगो का ध्यान इस फील्ड की तरफ काफी खीचां हैं. भूकंप से बचने का सबसे अच्छा तरीका इसका पूर्वानुमान लगाना ही है.

सिस्मोलॉजी की पढ़ाई में पृथ्वी के भीतर होने वाले कंपनों के कारणो के बारे में जाना जाता है. इस कोर्स में भूकंप की वजह से लोगों को होने वाले नुकसान के अलावा पर्यावरण को होने वाले नुकसान का भी अध्ययन किया जाता है. एक भू-वैज्ञानिक का मुख्य उद्देश्य भूकंप से होने वाले जान-माल के नुकसान को न्यूनतम करना होता है. एक अर्थक्वेक इंजीनियर को भूकंप आने के पहले और बाद की घटनाओं और इसके कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करना होता है.

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कहां मिलेगी नौकरी:
पिछले कुछ सालों में देखें तो भूकंप की घटनाओं में वृद्धि हुई है. रिकॉर्ड के मुताबिक नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है, जिसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे जान-माल का नुकसान होता है. आए दिन भूंकप से होने वाली घटनाओं के बढ़ने के चलते सिस्मोलॉजी एक ऐसे करियर ऑप्शन के तौर पर उभरा हैं जिसमें आपको जॉब अपॉर्चुनिटी और अच्छी सैलेरी के साथ-साथ एक ऐसे फील्ड में काम करने का मौका मिलता है जो बेहद रोचक और चुनौतीपूर्ण है.

आजकल हर बड़ी इमारत से लेकर घरों तक के निर्माण में लोग भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब यह क्षेत्र केवल आपदा या उसके बाद के आकलन तक ही सीमित नहीं रह गया है. देश की कई डेवेलपमेंट अथॉरिटियों ने भवन के निर्माण में भूकंपरोधी तकनीक के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में सिस्मोलॉजी से जुड़े प्रोफेशनल्स की मांग और भी बड़ जाती है. सिस्मोलॉजी से जुड़ा कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह की नौकरियों के ढ़ेरो ऑप्शन मौजूद हैं. इस फील्ड से जुड़ी कंपनियां सिस्मोलॉजी प्रोफेशनल्स को 50 हजार रुपये से 1 लाख रुपये प्रतिमाह तक सैलेरी ऑफर कर रही हैं. इसके अलावा आप अपनी रुचि के मुताबिक किसी शिक्षण संस्थान में शिक्षक का कार्य भी कर सकते हैं.

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जरूरी योग्यता:
भारत में सीस्मोलॉजी का कोर्स करने के लिए आपका ग्रेजुएट होना जरुरी हैं. अर्थक्वेक इंजीनियरिंग में आप मॉस्टर ऑफ इंजीनियरिंग (ME) या मॉस्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) की डिग्री हासिल कर सकते हैं. इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कैंडिडेट को ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) एक्जाम क्वालीफाई करना जरूरी है.

कहां से करें कोर्स:
भारत में सीस्मोलॉजी से जुड़े कोर्स के प्रमुख संस्थान हैं...
आइआइटी कानपुर
वेबसाइट: http://www.iitk.ac.in
आइआइटी रुड़की
वेबसाइट: www.iitr.ac.in
आइआइटी खड़गपुर
वेबसाइट: www.iitkgp.ac.in
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
वेबसाइट: www.bhu.ac.in
अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
वेबसाइट: www.annauniv.edu
उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
वेबसाइट: www.osmania.ac.in
मुंबई विश्वविद्यालय
वेबसाइट: www.mu.ac.in
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, हरियाणा
वेबसाइट: www.kuk.ac.in
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून
वेबसाइट: www.wihg.res.in

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