Advertisement

IIM, IIT स्टूडेंट्स ने शुरू किया था स्टार्टअप, बनी 89 अरब की कंपनी

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलिवरी सेवा कंपनी स्विगी ने दक्षिण अफ्रीकी इंटरनेट दिग्गज नैस्पर्स और रूसी अरबपति यूरी मिल्नर की अगुआई वाली निवेश फर्म डीएसटी ग्लोबल आदि से 21 करोड़ डॉलर (14.28 अरब रुपये) जुटाए हैं.

फोटो साभार- ट्विटर फोटो साभार- ट्विटर
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2018,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलिवरी सेवा कंपनी स्विगी ने दक्षिण अफ्रीकी इंटरनेट दिग्गज नैस्पर्स और रूसी अरबपति यूरी मिल्नर की अगुआई वाली निवेश फर्म डीएसटी ग्लोबल आदि से 21 करोड़ डॉलर (14.28 अरब रुपये) जुटाए हैं. इसके इस तरह से अब तक कंपनी की तरफ से जुटाई गई रकम 50 करोड़ डॉलर के आसपास पहुंच गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे कंपनी की कीमत 89 अरब तक पहुंच जाएगी. हालांकि अभी यह कहा जा रहा है कि कंपनी ने इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.

Advertisement

कैसे शुरू हुई थी कंपनी

इस कंपनी की शुरू होने के पीछे तीन शख्स हैं, जिनका नाम राहुल जैमिनी, श्रीहर्ष और नंदन रेड्डी. बता दें कि राहुल ने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की है, श्रीहर्ष ने आईआईटी कलकत्ता और बिट्स पिलानी और नंदन रेड्डी ने बिट्स से पढ़ाई की है. उन्होंने इस फर्म को शुरू किया और आज कंपनी की वैल्यू अरबों में पहुंच चुकी है.

EXCLUSIVE: बिहार बोर्ड- मिलिए 10वीं कक्षा की टॉपर प्रेरणा से

5 डिलिवरी बॉय से हुई थी शुरुआत

बता दें कि स्विगी ने 2014 में अपने ऑपरेशन्स की शुरूआत की थी. योर स्टोरी के अनुसार स्विगी के सीईओ और को-फाउंडर श्रीहर्ष मजेटी ने एक वादे के साथ अपनी कंपनी की शुरूआत की थी कि उनकी कंपनी आने वाले समय में भारत में खाने के प्रचलन को ही बदल देगी. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि 'हमने 5 राइडर्स के साथ शुरूआत की थी और अब हमारे साथ 20 हज़ार राइडर्स जुड़े हुए हैं.'

Advertisement

12 साल के 'प्रग्गू' ने रचा इतिहास, विश्वनाथन का भी तोड़ा रिकॉर्ड

बता दें कि बड़े रेस्टोरेंट और रेस्टोरेंट चेन्स के साथ-साथ स्विगी छोटे फूड जॉइंट्स के साथ भी काम करता है. इससे कई छोटे-बड़े वेंडर जुड़े हुए हैं. फिलहाल स्विगी हर ऑर्डर पर 30 प्रतिशत का शेयर कमाता है. स्विगी को रेस्तरां से कमीशन मिलता है और वह उपभोक्ताओं से डिलिवरी फीस चार्ज करता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement