
सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी होने के बाद कई ऐसे विद्यार्थियों की कहानियां सामने आ रही है, जिन्होंने भले ही टॉप नहीं किया हो, लेकिन उनकी मेहनत काबिल-ए-तारीफ है. उन्हीं छात्रों में एक कहानी है जयपुर के रहने वाले अशमीत भटनागर की, जिन्हें दिन में 12 घंटे खड़े रहना आवश्यक है. वे किसी एक्सरसाइज या सजा के लिए खड़े नहीं रहते हैं, दरअसल उनको एक ऐसी बीमारी है कि वो बैठ नहीं सकते.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार 16 साल के अशमीत जॉइंट को मायोजिटिस ओसिफिशन्स है, जिसका वजह से या तो वो खड़े रह सकते हैं या फिर लेट सकते हैं. हाल ही में हुई सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में उन्होंने खड़े होकर परीक्षा दी थी, जिसमें 93.4 फीसदी अंक हासिल किए थे. उनके पिता सुमित भटनागर एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं.
CBSE: फिर आया 8 साल पुराना पैटर्न, 2 लाख फेल, 3 ने की खुदकुशी
उन्होंने बताया कि जब अशमीत एक साल के थे तो उन्हें डीपीटी टीका दिया गया, तो एक गांठ बन गई थी और जब उसके लिए सर्जरी करवाई तो उनके कूल्हे कठोर हो गए. उनका कहा, ' अशमीत को भले ही कोई शारीरिक दिक्कत हो, लेकिन वो दिमाग से बहुत स्ट्रॉन्ग है. उसे शारीरिक दिक्कतें होने के बाद भी क्रिकेट, बैडमिंटन और शतरंज पसंद है और फोटोग्राफी में इंट्रेस्ट है.'
CBSE टॉपर को इलाज के लिए चाहिए 5 करोड़, PM से मांगी मदद
बता दें कि अशमीत ने कक्षा 11 में कॉमर्स का चयन किया है और वो एक सरकारी अधिकारी बनना चाहता है. वहीं उनके बड़े भाई चैतन्य को भी स्पेस्टिक है और वो भी स्पेशल स्कूल में पढ़ाई करता है. अशमीत खड़े रहकर क्लास अटेंड करता हा और स्कूल ने उसके लिए एक खास कुर्सी भी बनवाई है, ताकि वह खड़े रहकर भी परीक्षा में भाग ले सकता है.