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सरकार जामिया के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही: तलत अहमद

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से अल्पसंख्यक का दर्जा खत्म करने को लेकर राजनीति शुरु हो चुकी है. जानिए जामिया के उपकुलपति प्रोफेसर तलत अहमद का इस मामले और यूनिवर्सिटी से जुड़े दूसरे विवादों पर क्या कहना है...

Talat Ahmad Talat Ahmad
स्नेहा
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST

अलीगढ़ और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सरकार और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच एक विवाद की शुरुआत हो चुकी है. चुनाव और राजनीतिक वजहों से ये मामला आने वाले समय में बढ़ सकता है. जानिए जामिया के उपकुलपति प्रोफेसर तलत अहमद का इस मामले और यूनिवर्सिटी से जुड़े दूसरे विवादों पर क्या कहना है..

1. अलीगढ़ और जामिया में अलपसंख्यक दर्जे को लेकर विवाद शुरू हो गया है. आपका क्या स्टैंड है?
जवाब: देखिये, क्योंकि ये मामला अभी कोर्ट के सामने विचाराधीन है इसलिये उचित नहीं होगा कि मैं इस पर कुछ कहूं. पर हां, पहले भी जामिया को अल्पसंख्यक दर्जा संसद की तरफ से बने कमीशन की तरफ से दिया गया. कोर्ट में मामला है जो भी फैसला होगा सर आंखों पर. जो लोग यहां-वहां मीटिंग कर रहे हैं इस मुद्दे को लेकर वो ये अपने स्तर पर कर रहे हैं.

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2. हाल के दिनों में जामिया कई गलत वजहों से खबरों में है. मसलन कई आरटीआई के जवाब में एडमिशन और फंड के इस्तेमाल में गड़बड़ियों का पता चला है.
जवाब: मैं जब से यहां आया हूं चीजें इंप्रूव कर रहा हूं. कोशिश कर रहा हूं कि ये पूरे हिंदुस्तान के लिये एक नेश्नल यूनिवर्सिटी साबित हो. सिर्फ यूपी, बिहार या कश्मीर के लोगों के लिये नहीं. हमने इंजीनियरिंग का टेस्ट जेईई के साथ कराने का फैसला लिया ताकि दूर-दराज के बच्चों को भाग के दिल्ली ना आना पड़े टेस्ट के लिये. ऐसे कदम उठाने पर जो बेकार एलिमेंट थे उनको दिक्कत हो रही है. उनके वक्त जो गलत फैसले लिये गये उन्हीं को आरटीआई के जरिये बताया जा रहा है. आरटीआई का गलत इस्तेमाल हो रहा है. हम हर चीज को ट्रांसपैरेंट तरीके से कर रहे हैं.

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3. आरोप है कि स्कूल एडमिशन में कई गड़बड़ियां हुईं ?
जवाब: मेरे सामने फर्स्ट जेनेरेशन का कोई लर्नर आया तो मैने उसका एडमिशन कराया. मान लो 50 का कोई कोटा है और एक या दो और भी कर दिया तो कोई बहुत बडा गुनाह कर दिया क्या. लोग तो ना जाने क्या-क्या कर के यहां से चले गये.

4. आरोप है कि यूनिवर्सिटी के वीसी ऑफिस के निर्माण में फंड का काफी गलत इस्तेमाल हो रहा है?
जवाब: कोई गलत इस्तेमाल नहीं हो रहा. ये सिर्फ वीसी ऑफिस नहीं होगा, पूरा कॉम्प्लेक्स होगा. इसमें दो बड़े हाल भी होंगे. ऑडिटोरियम के साथ कई और भी चीजें होंगी. पुराने सिस्टम को पूरी तरह नया बनाया जा रहा है. बिजली पर इतना खर्च होता था जो अब कम होगा. ईको-फ्रेंडली होगी पूरी बिल्डिंग.

5. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिसर्च और वोकेशनल ट्रेनिंग पर ज्यादा जोर देते हैं. क्या चल रहा है इस पर यूनिवर्सिटी में?
जवाब: में ये प्राउडली कह सकता हूं जामिया में GIAN के तहत सबसे ज्यादा प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं. देश के संस्थानों की इंटरनेश्नल रैंकिंग कम है. इस कार्यक्रम के जरिये बाहर के रिसर्चर आयेंगे. ज्ञान साझा होगा. लॉन्ग टर्म में बहुत फायदा होगा. सबसे ज्यादा कौशल केंद्र जामिया में खुल रहे हैं और मदन मोहन मालवीय स्कीम के तहत सबसे ज्यादा सपोर्ट सरकार से मिला है.

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6. सरकार से मदद की आपने बात की. क्या जामिया जैसे अल्पसंख्यक संस्थान को लेकर सरकरा का रवैया बराबरी का है?
जवाब: ये मेरा अब तक का तजुर्बा है कि इस सरकार ने कोई भेदभाव हमारे साथ नहीं किया है. हमें सारी फंडिंग सरकार से मिल रही है. बल्की दूसरों से ज्यादा मिल रही है. फर्क ये है कि पहले जामिया तमाम तरह की स्कीमों के लिये एप्लाई नहीं करता था अब करता है. हमारे दो सेंटर को सेंटर फॉर एक्सिलेंस का सर्टिफिकेट दिया सरकार ने. सरकार की नीयत में कोई खोट नहीं. ये फ्रीडम मूमेंट से पहले की यूनिवर्सिटी है. हम चाहते हैं ये मूवमेंट आगे चले.

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