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जामिया में शुरू होगी ऐरोनॉटिक्स की पढ़ाई, पवन हंस करेगा मदद

यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक जामिया से बीएससी एयरोनॉटिक्स कोर्स करने वाले छात्रों को स्नातक की डिग्री जामिया की ओर से दी जाएगी, जबकि मेंटेनेंस इंजीनियरिंग एयरक्राफ्ट के लिए सर्टिफिकेट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) देगा.

जामिया मिलिया इस्लामिया जामिया मिलिया इस्लामिया
रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST

बीएससी एयरोनॉटिक्स करने की चाहत रखने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है. देश की जानी मानी यूनिवर्सिटी जामिया मिलिया इस्लामिया अब पवन हंस लिमिटेड के साथ मिलकर बीएससी एयरोनॉटिक्स कोर्स शुरू करने जा रही है. इस कोर्स को शुरू करने वाली जामिया मिलिया पहली यूनिवर्सिटी होगी, जो छात्रों को ड्यूल डिग्री देगी.

यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक जामिया से बीएससी एयरोनॉटिक्स कोर्स करने वाले छात्रों को स्नातक की डिग्री जामिया की ओर से दी जाएगी, जबकि मेंटेनेंस इंजीनियरिंग एयरक्राफ्ट के लिए सर्टिफिकेट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) देगा. यह तीन वर्षीय बीएससी डिग्री कोर्स होगा, जिसमें वही छात्र आवेदन कर पाएंगे, जिन्होंने 12वीं में साइंस और मैथ्स के कॉम्बिनेशन की पढ़ाई की होगी.

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बीएससी एयरोनॉटिक्स कोर्स के दाखिले के लिए छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम देना होगा. इस कोर्स का थ्योरी पार्ट जामिया के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग की ओर से कराया जाएगा, जबकि प्रैक्टिकल ट्रेनिंग हेलिकॉप्टर कंपनी पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) देगी. जामिया विश्वविद्यालय ने इस कोर्स के लिए पवन हंस लिमिटेड के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है.

जामिया के वाइस चांसलर प्रोफेसर तलत अहमद के मुताबिक देश-विदेश में नागरिक उड्डयन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे इस सेक्टर से जुड़ने की चाह रखने वाले छात्रों को बीएससी एयरोनॉटिक्स कोर्स का विशेष लाभ मिलेगा. पीएचएल के मैनेजिंग डायेक्टर डॉ बीपी शर्मा के मुताबिम भारत के बेड़े में 380 एयरक्रॉफ्ट और 280 हेलिकॉप्टर है. आगामी चार-पांच सालों में 500 एयरक्रॉफ्ट और शामिल हो जाएंगे. लिहाज़ा भविष्य में इस सेक्टर में जॉब ओपनिंग भी ज्यादा होंगी. बड़ी तादाद में प्रशिक्षित इंजीनियरों और कर्मियों की जरूरत होगी.

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