
सीबीएसई के आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने के चलते अभिभावकों ने कड़ा ऐतराज जताया है. रायपुर में सैकड़ों छात्रों के पालको और अभिभावकों ने बैठक कर अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. उनके मुताबिक इस तुगलकी फरमान से वो छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे जिनके पास उनका आधार कार्ड नहीं है.
मामला JEE मेन एंट्रेंस एग्जाम 2018 से जुड़ा है. सीबीएसई ने इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तिथि घोषित कर यह साफ कर दिया है कि इस परीक्षा में वही छात्र आवेदन कर पाएंगे जिनके पास आधार नंबर है.
गौरतलब है कि IIT, IIIT, NIT जैसे राष्ट्रीय स्तर के इंजीनियरिंग संस्थाओं में JEE में प्राप्त रैंक के आधार पर ही प्रवेश दिया जाता है. अभिभावकों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि बगैर पूर्व सूचना और पर्याप्त समय दिए सीबीएसई ने आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है.
सीबीएसई ने JEE मेन 2018 के लिए रजिस्ट्रेशन एक दिसंबर 2017 से शुरू करने का ऐलान किया है. आवेदन की अंतिम तिथि 1 जनवरी 2018 और एडमिट कार्ड जारी होने की तिथि मार्च 2018 के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है. उसके अनुसार JEE मेंस का रिजल्ट 30 अप्रैल 2018 को और ऑल इंडिया रैंक जारी होने की तिथि 31 मई 2018 तय की गयी है.
यह भी साफ कर दिया गया है कि इस बार भी परीक्षा ऑफ लाइन और ऑनलाइन मोड़ में होगी. ऑफ लाइन परीक्षा आठ अप्रैल और ऑनलाइन पीरक्षा 15 और 16 अप्रैल 2018 को होगी. इसके लिए देशभर में 248 परीक्षा केंद्र बनाये गए हैं.
उधर आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने को अदालत में चुनौती देने के लिए अभिभावकों ने पूरी तैयारी कर ली है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला लिया गया है.
अभिभावक यूनियन के सचिव शशिकांत साहू के मुताबिक सीबीएसई ने जल्दबाजी में ऐसा फैसला कर हजारों छात्रों के साथ खिलवाड़ किया है. उनके मुताबिक आधार कार्ड बनाने वाले ज्यादातर केंद्र बदहाली का शिकार हैं. आधार कार्ड बनवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. और अगर वो बन भी जाए तो उसकी मूल प्रति मुहैया होने में महीना भर से ज्यादा का वक्त लग जाता है.