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देश में पहली बार दिल्ली के केन्द्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा के दाखिले के लिए एक लाख से ज्यादा आवेदन मिले हैं. लेकिन आवेदन का चयन कंप्यूटर के जरिए करने का दावा फेल होने के कारण प्रशासन का काम कम होने की बजाय बढ़ गया है.
एक लाख से अधिक आवेदन
दिल्ली के 65 केन्द्रीय विद्यालयों में दो शिफ्टों को मिलाकर पहली कक्षा के ऑनलाइन एडमिशन का पायलेट प्रोजेक्ट काफी हद तक सफल हुआ है. पहली कक्षा के लिए एक लाख 15 हजार 578 आवेदन मिले हैं. हालांकि केन्द्रीय विद्यालय संगठन का यह दावा कि ऑनलाइन एडमिशन के बाद सभी विद्यार्थियों का चयन भी एक विशेष प्रकार से तैयार किए गए साॅफ्टवेयर से होगा, बिल्कुल ही फ्लाॅप हो गया.
हाल यह है कि अब एक लाख से अधिक आवेदनों का पूरा वैरिफिकेशन प्रशासन अपने आप कर रहा है और इसमें काफी समय लग रहा है. वहीं केन्द्रीय विद्यालय का दावा है कि ऑनलाइन एडमिशन पूरी तरह सफल रहा और इससे पेरेंट्स को बहुत राहत मिली है.
पेरेंट्स की भागदौड़ कम होने का दावा
केन्द्रीय विद्यालय संगठन के डिप्टी आयुक्त संतोष मिर्धा ने बताया कि पहले पेरेंट्स को इन स्कूलों में एडमिशन कराने के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ती थी. वे ज्यादा से ज्यादा दो-तीन स्कूलों में ही आवेदन कर पाते थे लेकिन इस बार उन्होंने दस से अधिक जगहों पर आवेदन किए हैं.
मानव संसाधन मंत्रालय ने दिल्ली के केन्द्रीय विद्यालयों में ऑनलाइन एडमिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी और इसी की सफलता के आधार पर देश में इसे लागू करने की योजना है, लेकिन बड़ी बाधा कंप्यूटर के जरिए चयन प्रकिया की निगरानी है क्योंकि विद्यालयों में कई कैटेगरी के तहत विद्यार्थियों का चयन होता है.
हो सकता है विवाद
संगठन के एक आला अधिकारी के अनुसार कंप्यूटर के जरिए नाम आने पर विवाद होने की आशंका है. यही कारण है इस बार चयन कंप्यूटर से ना होकर पहले की प्रकिया के तहत ही किया जा रहा है. दिल्ली के केन्द्रीय विद्यालयों में भी सीटों का बंटवारा पहले की तरह हो रहा है. ऑनलाइन एडमिशन खत्म हो गया है और चयन प्रक्रिया के तहत एक-एक करके लिस्ट जारी की जा रही है
जुलाई तक चलेगी प्रक्रिया
दिल्ली में पहली कक्षा के लिए कुल सीटों में से इकनॉमिकल वीकर सेक्शन , एससी, एसटी और ओबीसी के लिए सीटें सुरक्षित की गई हैं. केन्द्रीय विद्यालय का कहना है कि चयन प्रकिया भी कंप्यूटर से शुरू हो, इसके लिए काम चल रहा है और कोशिश यही है कि अगले साल से ऑनलाइन एडमिशन और चयन देशभर के विद्यालयों मे लागू किया जा सके. फिलहाल दिल्ली में जुलाई तक चयन प्रक्रिया जारी रहेगी.
इसलिए लंबी होगी चयन प्रक्रिया
दिल्ली की सहायक आयुक्त इंदु कहती हैं कि जिन पेरेंट्स ने एक से ज्यादा स्कूलों में आवेदन किया है और बच्चे का एडमिशन दो स्कूलों में आ गया तो ऐसे में जो एक सीट खाली होगी वो वेटिंग वाले बच्चों को मिलेगी. यही वजह है कि चयन प्रकिया लंबी चलेगी. फिलहाल ऑनलाइन प्रक्रिया से एक फायदा जरूर है कि पेरेंट्स को घर बैठे बहुत से स्कूलों में आवेदन का मौका मिल गया है और बच्चों के एडमिशन के चांस भी पहले की तुलना में बढ़ गए हैं.