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जोन-4 में आता है दिल्ली, इसीलिए हमेशा बना रहता भूकंप का खतरा

Earthquake In Delhi आखिर दिल्ली और आस-पास के क्षेत्र में इतने भूकंप क्यों आते हैं. जानते हैं क्या है इसके पीछे वैज्ञानिक कारण...

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST

दिल्ली-एनसीआर में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूंकप की तीव्रता 3.5 मापी गई है. लॉकडाउन के बीच दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में भूकंप के झटकों से लोग दशहत में आ गए क्योंकि सभी पहले से अपने घरों में कैद थे. हालांकि इसकी तीव्रता ज्यादा नहीं थी फिर भी लोगों को कहना है कि भूकंप के झटके काफी तेज थे. दिल्ली हमेशा भूकंप के लिए लिहाज से काफी संवेदनशील इलाका माना जाता है.

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अक्सर दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किये जाते रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर दिल्ली और आस-पास के क्षेत्र में इतने भूकंप क्यों आते हैं. जानते हैं क्या है इसके पीछे वैज्ञानिक कारण...

दरअसल मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग में भारत को 4 जोन में बांटा गया है और इसमें जोन-5 से जोन-2 शामिल है. इसमें जोन 5 सबसे ज्यादा संवेदनशील है और जोन-2 सबसे कम संवेदनशील यानी जोन-5 ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंप आने की आशंका सबसे ज्यादा है और जोन-2 ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंप आने की आशंका सबसे कम होती है.

जोन-4 में आता है दिल्ली

बता दें कि भारत में जोन-5 में हिमालय का केंद्र, कश्मीर और कच्छ का रन शामिल है. वहीं जोन-4 में दिल्ली, जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र के इलाके शामिल हैं. वहीं जोन-4 भी वह क्षेत्र होता है, ज्यादा भूकंप और नुकसान की संभावना ज्यादा होती है. जोन-3 को मोडरेट डैमेज रिस्क जोन कहते हैं इस जोन में अंडमान निकोबार, बेस्टर्न हिमालय के भाग शामिल हैं. जबकि जोन-2 को लो डैमेज रिस्क जोन कहते हैं.

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वहीं दिल्ली हिमालय के निकट है जो भारत और यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बना था. धरती के भीतर की इन प्लेटों में होने वाली हलचल की वजह से दिल्ली, कानपुर और लखनऊ जैसे इलाकों में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा है. दिल्ली के पास सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद तीन फॉल्ट लाइन मौजूद हैं, जिसके चलते भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.

इसके अलावा गुवाहाटी (असम), श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर), मुंबई (महाराष्ट्र), चेन्नई (तमिलनाडु), पुणे (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), तिरूवंतपुरम (केरल), पटना (बिहार) भारत के ऐसे शहर हैं, जहां भूकंप आने का खतरा ज्यादा रहता है.

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