Advertisement

पुण्यतिथि: जानें भारत की पहली महिला फोटो पत्रकार से जुड़ी ये बातें

आज भारत की पहली महिला फोटो पत्रकार होमी व्याराल्ला की पुण्यतिथि है. उनके द्वारा ली गई स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी घटनाओं की तस्वीरें आज भी याद की जाती है.

Homai Vyarawalla Homai Vyarawalla
अनुज कुमार शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST

आज भारत की पहली महिला फोटो पत्रकार होमी व्याराल्ला की पुण्यतिथि है. उनके द्वारा ली गई स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी घटनाओं की तस्वीरें आज भी याद की जाती है.  वह भारत की पहली महिला फोटो पत्रकार हैं, जिन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

उनके पिता की एक थिएटर कंपनी थी, जिसके साथ बचपन में उन्हें यात्रा करने के काफी मौके मिले. फिर उनके पिता मुंबई में आकर बस गए. जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय और सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट में पढ़ाई की. बता दें, उनके एक दोस्त ने उन्हें फोटोग्राफी सिखाई थी. फोटोग्राफी सीखने के बाद उन्होंने अपने कैमरे से मुंबई के जन-जीवन की तस्वीरें लेना शुरू किया था. कुछ समय बाद उन्हें कम उम्र में ही नौकरी मिल गई.

Advertisement

आजाद भारत में जब बिना संविधान के 29 महीने तक चला देश

उन्होंने 1930 के दशक में अपना करियर शुरू किया था. दूसरे विश्व युद्ध के शुरू होने पर उन्होंने बॉम्बे स्थित 'The Illustrated Weekly of India' पत्रिका के लिए काम पर काम करना शुरू कर दिया. अपने करियर के शुरुआती सालों में उन्हें कोई नहीं जानता था. उनकी तस्वीरों को उनके पति के नाम के तहत प्रकाशित की जाती थी. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया के एक फोटोग्राफर और अकाउंटेंट से शादी की थी.

... वो दिन जब मिली पहचान

होमी व्याराल्ला की फोटोग्राफी को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली और 1942 में वह अपने परिवार के साथ ब्रिटिश सूचना सेवा में काम करने के लिए दिल्ली चली आई. दिल्ली में होमी ने हो ची मिन्ह, अमेरिकी राष्ट्रपतियों आइजनहॉवर और जॉन एफ कैनेडी जैसे नेताओं की फोटो के साथ साथ मैमी आइजनहॉवर और जैकलिन केनेडी की भी शानदार तस्वीरें खींची. उन्हें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की भारत यात्रा और दलाई लामा के तिब्बत से बच निकलने के फोटो लेने का अवसर भी मिला.

Advertisement

पढ़ें- विवेकानंद का शिकागो भाषण, जिसमें हिंदू धर्म के लिए कही ये बात

साल 1970 में उनके पति की मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद साल 1982 में वह अपने बेटे के साथ वडोदरा में बस गईं. साल 1989 में कैंसर की बीमारी के कारण 15 जनवरी 2012 में उनका देहांत हो गया और एक बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट हमारे बीच नहीं रहीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement