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पेड़-पौधों में भी जान बसती है...

साल 1901 में 10 मई को भारतीय वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बोस ने साबित कर दिया था कि पेड़-पौधों में भी जीवन होता है.

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साल 1901 में 10 मई को भारतीय वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बोस ने साबित कर दिया था कि पेड़-पौधों में भी जीवन होता है.

1. बोस ने आविष्‍कार क्रेस्‍कोग्राफ के जरिए ये करके दिखाया, जिसमें बाहरी तब्‍दीली पर पेड़-पोधों की प्रतिक्रिया रिकॉर्ड की गई.

2. पौधों में जीवन साबित करने का ये प्रयोग लंदन की रॉयल सोसाइटी में हुआ और दुनिया बोस का लोहा मान गई.

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3. एक पौधे की जड़ ब्रोमाइड में डाली गई. पौधे की धड़कन स्‍क्रीन पर एक चिन्‍ह के रूप में दिख रही थी. जिसे उपकर ण के जरिए देखा गया. कुछ देर बाद ही ये अनियमित होने लगी.

4. थोड़े वक्‍त के बीतते ही पौधे की जान दिखाने वाला चिन्‍ह कांपने लगा और अचानक रुक गया जो इस बात का संकेत था कि पौधे की मौत हो चुकी है.

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