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Surya Grahan 2019: सूर्य ग्रहण लगने की ये है खास वजह, जानें ये फैक्ट

Solar Eclipse 2019: ये एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसे पूरी दुनिया एक खास नजरिये से देखती है. इसके पीछे एक वजह ये है कि जब सूर्य और पृथ्‍वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण की घटना होती है.

प्रतीकात्मक फोटो (Pixabay Image) प्रतीकात्मक फोटो (Pixabay Image)
मानसी मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

Solar Eclipse 2019:

ये एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसे पूरी दुनिया एक खास नजरिये से देखती है. इसके पीछे एक वजह ये है कि जब सूर्य और पृथ्‍वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण की घटना होती है.

सूर्य ग्रहण 2019: इस साल दो जुलाई यानी मंगलवार को पूर्ण सूर्यग्रहण की घटना होने वाली है. जब सूर्य पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण के नाम से बुलाया जाता है. हर साल सूर्य ग्रहण के बारे में हम जरूर सुनते हैं. लेकिन आखिर हमारे सौरमंडल में सूर्य पर ग्रहण लगने की खास वजह क्या होती है.

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ऐसे होता है सूर्य ग्रहण

हमारे सौरमंडल का मुखिया सूर्य होता है. हम जिस ग्रह में रहते हैं यानी कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है. इसके साथ-साथ पृथ्वी सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है. वहीं दूसरी ओर चंद्रमा  पृथ्वी का उपग्रह है और वो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगता है, पूरे साल घटित होने वाले इस चक्र में जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य ग्रहण होता है. इस दौरान सूर्य कुछ पलों या मिनट के लिए आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है. इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है.

खगोलीय घटना है सूर्य ग्रहण

खगोल विज्ञान कहता है कि सूर्यग्रहण पूरी तरह से एक खगोलीय घटना है, इसके अनुसार जब कोई खगोलीय पिंड पूर्ण या आंशिक रूप से किसी दूसरे पिंड को ढक लेता है तब उस ग्रह के ग्रहण की घटना होती  इस खगोलीय घटनाक्रम को ग्रहण कहा जाता है. पृथ्वी और सूर्य के मामले में चंद्रमा की बड़ी भूमिका होती है.

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जानें, आज के ग्रहण के बारे में

सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार रात 10:25 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी जो कि रात 3 बजकर 21 मिनट तक चलेगा. ये ग्रहण काल तकरीबन 4 घंटे तक चलेगा. हालांकि ये भारत में दिखाई नहीं देगा. इसका प्रभाव केवल दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर और दक्षिणमध्य अमेरिका, अटलांटिका,ला सेरेना, सैन जुआन, ब्रागाडो, जूनिन औररियो कुआर्टो, चिली और अर्जेंटीना जैसे देशों में ही देखा जाएगा.

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