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संसद की कार्यवाही का पहला घंटा होता है प्रश्न काल, जानें इससे जुड़े दिलचस्प तथ्य...

भारत की संसद पर हमेशा ही पूरे देश की नजरें लगी रहती हैं. भारत के भीतर लागू होने वाले तमाम नियम-कानूनों का निर्माण यहीं होता है. जानें इससे जुड़े दिलचस्प और जरूरी फैक्ट्स...

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विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST

भारत का संसद. भारत में कानून बनाने की उच्चतम संस्था. भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में यह दो सदनों में बंटा है. पहला राज्य सभा (उच्च सदन) और दूसरा लोक सभा (निचला सदन).

हमारे देश में राष्ट्रपति के पास यह अधिकार सुरक्षित है कि वह राज्य सभा और लोक सभा की कार्यवाही को रोक दे या फिर रद्द कर दे. इसके अलावा भी भारत की संसद के बारे में ऐसा बहुत कुछ है जिसे जानना दिलचस्प और जरूरी है.

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1. भारतीय संसद की नींव का पहला पत्थर 12 फरवरी 1921 को रखा गया था. इसे पूरा होने में 6 वर्ष लगे और यह 83 लाख रुपये की लागत में पूरा हुआ.

2. भारत के संसद का गोलाकार दिखना उसके कभी न ठहरने का प्रतीक है. इसे एडविन लुटियन और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था.

3. संसद के भीतर की लाइब्रेरी देश की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है.

4. लोक सभा और राज्य सभा की शेप घोड़े के नाल से मिलती-जुलती है.

5. इस मंहगाई के दौर में भी संसद की कैंटीन में एक व्यक्ति का भोजन आप 12 रुपये में पा सकते हैं.

6. लोक सभा के भीतर की कालीन हरे रंग की है. यह भारत के कृषि समृद्धि का प्रतीक है. वहीं भारत के राज्य सभा की कालीन लाल रंग की है. इसे भारत के क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के शहादत का प्रतीक माना जाता है.

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7. भारत के राष्ट्रपति का ऑफिस 13 नंबर है. यहां 13 नंबर दुर्भाग्यपूर्ण नहीं माना जाता.

8. सदन की कार्यवाही का पहला घंटा (11 से 12) प्रश्न काल कहलाता है. इस दौरान सांसद पॉलिसी , सरकार के काम और अलग-अलग बिलों पर चर्चा करते हैं.

9. 12 बजे सांसद लोक सभा अध्यक्ष को सूचित कर किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस कर सकते हैं. इसे शून्य काल कहते हैं.

10. मनी बिल सिर्फ लोक सभा के माध्यम से पास किए जाते हैं. लोक सभा में पास किए जाने के बाद किसी फेरबदल के लिए राज्य सभा में भेजा जाता है. यह राज्य सभा से पास नहीं होता.

11. आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति लोक सभा को 1 वर्ष के लिए आगे बढ़ा सकते हैं. संसद में तीन सत्र चलते हैं. पहला बजट, दूसरा मॉनसून और शीत सत्र.

अंत में हम आपको बताते चलें कि जहां इस देश की सरकार चुनने के लिए 18 वर्ष का होना जरूरी है. वहीं संसद का सदस्य होने के लिए 25 वर्ष का होना जरूरी है.


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