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सिर्फ तीसरी कक्षा तक पढ़ा था भारत का यह बड़ा वैज्ञानिक

तीसरी क्लास तक पढ़ाई करने के बाद कोई क्या कर सकता है? अमूमन जवाब मिलेगा कि कुछ खास नहीं. लेकिन इन जनाब ने तो इतनी पढ़ाई के दम पर ही इतने आविष्कार कर लिए कि इनका नाम ही 'भारत का एडिसन' पड़ गया...

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स्नेहा
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

वर्तमान समय में अगर आपको इंजीनियर या साइंटिस्ट बनना है तो आपके पास इससे संबंधित डिग्री होनी आवश्यक है. अगर ये डिग्रियां न हो तो आपको इस फील्ड से जुड़ी कंपनियों में नौकरी मिलने की गुंजाइश न के बराबर है. लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के एक ऐसे वैज्ञानिक और आविष्कारक के बारे में जिसके पास ये सारी डिग्रियां नहीं थी.

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इस वैज्ञानिक का नाम है जीडी नायडू. वह सिर्फ तीसरी क्लास तक पढ़े थे क्योंकि इन्हें स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था. इनका जन्म 23 मार्च 1893 में हुआ था.

जानिए स्कूल में कम पढ़ाई के बावजूद उनके किए आविष्कारों के बारे में-

1. 1937 में डी बालासुंदरम नायडू के साथ इन्होंने पहला भारतीय इलेक्ट्रिक मोटर विकसित की थी.

2. इनके दूसरे आविष्कारों में इलेक्ट्रिक रेजर, जूसर, एक टेंपर प्रूफ वोटिंग मशीन और केरोसिन से चलने वाला पंखा भी शामिल था.

3. इनका दावा था कि वो सिर्फ 70 रुपये में पांच वाॅल्व वाला रेडियो सेट और 2000 रुपये में टू सीटर पेट्रोल कार बना सकते हैं.

4. नायडू की इन्हीं खूबियों के कारण उन्हें मिरेकल मैन और एडिसन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है.

5. 1935 में नायडू ने निजी तौर पर किंग जॉर्ज V की अंतिम यात्रा का वीडियो बनाया. 1936 में वे एडोल्फ हिटलर से भी मिले थे.

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