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भगवान के ऐसे घर जहां आप कभी गए नहीं!

आपने ऐसे कई मंदिर-मस्जिद, गिरिजाघर और गुरुद्वारे देखे होंगे, जहां भीड़भाड़ का आलम यह रहता है कि अपने परिवार को एकजुट रखना मुश्किल हो जाए. लेकिन इसी दुनिया में भगवान या खुदा के कुछ घर ऐसे हैं, जहां आपको भीड़ तो क्या दो-चार लोग दिख जाएं, तो गनीमत हैं. ये दूरदराज़ के इलाकों में बने अराध्य स्‍थल हैं, जिन तक पहुंचना आसान नहीं. 

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आपने ऐसे कई मंदिर-मस्जिद, गिरिजाघर और गुरुद्वारे देखे होंगे, जहां भीड़भाड़ का आलम यह रहता है कि अपने परिवार को एकजुट रखना मुश्किल हो जाए. लेकिन इसी दुनिया में भगवान या खुदा के कुछ घर ऐसे हैं, जहां आपको भीड़ तो क्या दो-चार लोग दिख जाएं, तो गनीमत हैं. ये दूरदराज़ के इलाकों में बने अराध्य स्‍थल हैं, जिन तक पहुंचना आसान नहीं.

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1. बाथू की लाड़ी
कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश

किसी वक्‍़त भगवान शिव के कतारबद्ध 8 मंदिरों का समूह अब पोंग डैम में साल के 8 महीने डूबा रहता है
इन मंदिरों के भीतर आज भी आपको भगवान विष्‍णु, कलि और गणेश भगवान की प्रतिमाएं मिल जाएंगी
कब जाएं: मार्च से जून के बीच

2. फुकटल मोनेस्ट्री
ज़ंसकार क्षेत्र, जम्मू कश्मीर

एक गहरी सुनसान गुफा में बना यह मठ ख़तरनाक भी है, क्योंकि इसके ठीक सामने काफी गहरी खाई है. ऐसे में यहां पहुंचने वाले लोगों को नदी पर बने सस्पेंशन पुल इस्तेमाल कर पहुंचना पड़ता है
इस मठ तक पहुंचने के लिए करीबी कस्बे पादुम से तीन दिन ट्रैक करके पहुंचना पड़ता है
कब जाएं: जुलाई से सितंबर के बीच ही जा सकते हैं

3. चेरामन जुम्मा मस्जिद, त्रिचूर ज़िला, केरल
इसे देश में बनी पहली मस्जिद कहा जाता है. यह मालिक इब्न दिनार ने 629 ईसा पूर्व में बनाई थी
इस मस्जिद में तेल से जलता एक प्राचीन दीया है, जो हमेशा जगमग रहता है. माना जाता है कि यह एक हज़ार साल पुराना है.
सभी मज़हब के लोग इस दीये के लिए तेल लेकर पहुंचते हैं
कब जाएं: साल में कभी भी जा सकते हैं

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4. थ्री किंग्स चर्च, कंसॉलिम, गोवा
गोवा में एक पहाड़ी पर बना यह गिरिजाघर गोवा का अद्भुत नज़ारा दिखाता है. हालांकि, इससे जुड़ी एक कहानी इसे खतरनाक बनाती है. कहा जाता है कि यहां भूतों का डेरा है
स्‍थानीय लोगों का कहना है जो भी 6 जनवरी यानी थ्री किंग्स फीस्ट के दौरान रात को यहां जाता है, वो गायब हो जाता है
कब जाएं: कभी भी, लेकिन 6 जनवरी को छोड़कर!



5. क्लू ख्‍़याइल गोम्पा, लिकिर, लद्दाख
बौद्ध मठ, जो सासपोल के गांव के नज़दीक एक घाटी पर बना है. इसे लामा दुवांग चोस्जे ने 1065 में बनवाया था. उस वक्‍़त लद्दाख के पांचवें राजा ल्हाचेन ग्यालपो का राज हुआ करता था
इस मठ में भगवान बुद्ध की 75 फुट ऊंची प्रतिमा लगती है
कब जाएं: जून से सितंबर के बीच


6. परदेसी साइनागॉज, कोच्चि, केरल
इसे राष्ट्रमंडल के तहत आने वाले मुल्कों का सबसे पुराना यहूदी उपासनागृह माना जाता है. यह 1568 में बना था और कोच्चि यहूदी समुदाय के सात उपासनागृह में से एक है
इसे परदेसी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसे बाहर से आकर बसे स्पेनिश भाषी यहूदियों ने बनवाया था
कब जाएं: यहूदी अवकाश के दिनों को छोड़कर कभी भी


7. भूलेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र
पुणे के करीब बना यह मंदिर शिव का ऐसा अराध्य स्‍थल है, जिसके बारे में ज्‍़यादा लोग नहीं जानते. इसे काले बसाल्ट रॉक से बनाया गया है
इस मंदिर की ख़ास बात यह है कि इसमें आपको भगवान गणेश महिला के परिधार पहने मिल जाएंगे
कब जाएं: मानसून के दौरान

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सौजन्‍य: Newsflicks

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