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महाराष्ट्र में बदलेगा इतिहास, ताजमहल-कुतुब मीनार का नहीं बोफोर्स घोटाला-इमरजेंसी का होगा जिक्र

ज्य शिक्षा विभाग ने पूरे सिलेबस से मुस्लिम शासकों के इतिहास को हटा दिया है. नए इतिहास में इसका कहीं पर भी जिक्र नहीं है कि ताजमहल, कुतुब मीनार और लाल किला आखिर किसने बनवाया

मुगलों का इतिहास होगा किताब से गायब मुगलों का इतिहास होगा किताब से गायब
मोहित ग्रोवर
  • मुंबई,
  • 07 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

देश में एक बार फिर इतिहास को लेकर सियासत गरमा सकती है. महाराष्ट्र स्टेट एजुकेशन बोर्ड नया सिलेबस लाने की तैयारी में है, लेकिन इन किताबों में मुगल शासन का जिक्र नहीं होगा. कक्षा 7 और 9 के नए सिलेबस में पूरा ध्यान मराठा साम्राज्य पर दिया जाएगा और बच्चों को इसी के बारे में पढ़ाया जाएगा.

पुणे मिरर में छपी एक खबर के मुताबिक, राज्य शिक्षा विभाग ने पूरे सिलेबस से मुस्लिम शासकों के इतिहास को हटा दिया है. नए इतिहास में इसका कहीं पर भी जिक्र नहीं है कि ताजमहल, कुतुब मीनार और लाल किला आखिर किसने बनवाया. लेकिन इस किताब में बोफोर्स घोटाले और 1975-77 में लगी इमरजेंसी का जिक्र है और उसे विस्तार से बताया गया है.

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खबर के मुताबिक, राज्य के शिक्षामंत्री विनोद तावड़े ने पिछले साल सिलेबस के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक कमेटी से मुलाकात की थी, जिसमें सिलेबस को लेकर चर्चा हुई थी. महाराष्ट्र इतिहास के जानकार बापूसाहेब शिंदे के अनुसार, अब पुराने इतिहास की जगह नए इतिहास बताने पर जोर देना चाहिए. यही कारण है कि अब आधुनिक इतिहास को ही पढ़ाया जाएगा.

नए सिलेबस में मुख्य रूप से मराठा साम्राज्य पर ध्यान दिया गया है, यही वजह है कि इसमें छत्रपति शिवाजी को काफी अहम बताया गया है. मराठी समुदाय में उनके रोल और उनके योगदान को काफी बड़े पैमाने पर दर्शाया गया है. पिछले सिलेबस में शिवाजी को लोगों का राजा कहा गया था, तो वहीं इस नए सिलेबस में उन्हें एक आर्दश शासक बताया गया है.

 

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