
हमारे देश के सारे संगीतप्रेमी सुनहरे दौर के गीतों को गुनगुनाना और सुनना पसंद करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि उस दौर के अधिकांश गीत मजरूह ने लिखे थे. वे मजरूह सुल्तानपुरी के नाम से फेमस थे. 1919 में 1 अक्टूबर को मशहूर उर्दू शायर मजरूह सुल्तानपुरी का जन्म हुआ था. जानें उनके बारे में खास बातें...
साल 1945 में बम्बई में आयोजित एक मुशायरे के दौरान फिल्म निर्माता ए के करदार की निगाह उन पर गई और वे फिल्मी दुनिया में आ गए.
काका हाथरसी, जिनकी रचनाएं पढ़कर नहीं रुकेगी आपकी हंसी..
साल 1946 में उन्होंने पहली फिल्म 'शाहजहां' के लिए लिखा.
उनका फिल्मी करियर 60 साल तक चला. उन्होंने एक लड़की भीगी भागी सी, तेरे मेरे मिलन की ये रैना, हमें तुमसे प्यार कितना, गुम है किसी के प्यार में जैसे शानदार गीत लिखे.
जिन्ना का वो दस्तावेज, जो बदल सकता था भारत का इतिहास, नहीं होता बंटवारा
साल 1949 में सरकार विरोधी कविताएं लिखने की वजह से उन्हें दो साल सलाखों के पीछे गुजारने पड़े.
उन्हें साल 1993 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था. वे इस पुरस्कार को पाने वाले पहले गीतकार बने.