Advertisement

डॉक्‍टर बनने के बाद भी नहीं मिलेगी राहत, देनी होगी परीक्षाएं

MBBS, MD की डिग्री हासिल करने के बाद भी अब राहत नहीं मिलेगी. मोदी सरकार जल्‍द ही एक ऐसा नियम लाने जा रही है जिसके तहत डॉक्‍टर्स को अपनी डिग्री बचाने के लिए हर 3 साल में अनिवार्य परीक्षा देनी होगी... 

हेल्‍थ सेक्‍टर में होंगे कई बदलाव हेल्‍थ सेक्‍टर में होंगे कई बदलाव
मेधा चावला
  • नई दिल्‍ली,
  • 24 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:56 PM IST

मोदी सरकार जल्‍द ही हेल्‍थ सेक्‍टर में कई बदलाव करने जा रही है. पहला बड़ा फैसला यह होगा कि देश के हर डिग्रीधारक डॉक्‍टर को हर तीन से पांच साल के भीतर एक पेपर देकर खुद को डॉक्‍टरी के योग्‍य साबित करना होगा.

MBBS और MD डिग्रीधारक हर डॉक्‍टर को अब अपनी डिग्री बचाने के लिए तीन से पांच साल के भीतर एक अनिवार्य परीक्षा देनी होगी और उसे पास करना होगा. अगर ऐसा होता है तो यह हेल्‍थ सेक्‍टर में होने वाले अहम बदलावों का पहला बड़ा कदम होगा. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय अगले साल के आरंभ से यह नियम लागू कर सकता है.

Advertisement

KV में पढ़ने वाले गैर सरकारी कर्मियों के बच्चों की फीस होगी दोगुनी!

क्‍या होगा नए नियम का लक्ष्‍य
दरअसल इस नियम को इसलिए लाया जा रहा है जिससे देश भर से फर्जी डॉक्‍टरों को समाप्‍त किया जा सके. अब सरकार ने इसके लिए इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन यानी IMA से अपने विचार देने को कहा है. इस तरह का पैटर्न अमेरिका और यूरोपीय देशों में पहले से है.

UPSC टॉपर टीना डाबी दूसरे टॉपर अतहर पर फिदा, जल्द होगी शादी...

पहले कहां होगा लागू
ऐसा कहा जा रहा है कि सेंट्रल गर्वमेंट हेल्‍थ स्‍क्रीम यानी CGHS और इंप्‍लाइज स्‍टेट इंश्‍योरेंस हॉस्पिटल्‍स में सबसे पहले ये एग्‍जाम देना बाध्‍य किया जाएगा. एक बार सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा.

यूपी सरकार ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में निर्धारित की एडमिशन फीस

Advertisement

हेल्‍थ सेक्‍टर में होंगे कई बदलाव
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो हेल्‍थ सेक्‍टर में जल्‍द ही बड़े स्‍तर पर बदलाव होने जा रहे हैं, जिन पर अंतिम मुहर केंद्रीय मंत्रीमंडल की लगेगी. यह भी कहा जा रहा है कि एक कठोर कदम यह उठाया जा सकता है कि छात्रों के खराब परफामेंस के आधार पर किसी भी सरकारी या प्राइवेट कॉलेज की वैधता रद्द हो सकती है. गौरतलब है कि अगले साल के आरंभ से स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय एक राष्‍ट्रीय प्रमाणन बॉडी का गठन करेगा, जो प्रावइेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सक्षमता को समय-समय पर जांचेगा और सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement