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अगर आपके हौसले बुलंद हैं तो आपकी राह में कितनी भी मुश्किलें आएं, आप अपने सपने पूरे कर सकते हैं. ऐसी ही कहानी है तमिलनाडु की रहने वाली कलईमनि की, जिनकी राह में कई मुश्किलें आने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. बता दें कि कलईमनि की उम्र 45 साल है और उन्होंने राष्ट्रीय-राज्य स्तर पर चार गोल्ड मेडल और कई अवॉर्ड अपने नाम किए हैं. 45 साल की उम्र में आज भी कलईमनि हर रविवार को 21 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं.
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टीओई के अनुसार खास बात ये है कि कलईमनि अपने परिवार को पालने के लिए चाय की स्टॉल भी चलाती हैं. अब उनका लक्ष्य 41 किमी मैराथन में भाग लेना है. उनका कहना है कि 'मास्टर ऐथलेटिक चैंपियनशिप में भाग में लेने के लिए कोई भी अप्लाई कर सकता है चाहे उसकी उम्र 100 साल क्यों न हो. बस आपको इसके लिए खुद को फिट और स्वस्थ रखना है.'
आर्थिक दिक्कतों का सामना करते हुए कलईमनि इस उम्र में 21 किलोमीटर की मैराथन में हिस्सा लेती हैं और वो 41 किलोमीटर की मैराथन पूरी करना चाहती हैं. उन्होंने दसवीं तक पढ़ाई की है और वो स्कूल में भी खेलकूद में रूचि रखती थीं. कलईमनि के दोनों बेटे स्कूल वैन ड्राइवर हैं और उनकी बेटी-बेटी बीएससी की पढ़ाई कर रही है.
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कलईमनि ने दिसबंर 2017 में करूर जिले के पुगलोर में स्टेट लेवल ऐथलेटिक मीट में उन्होंने तीन गोल्ड मेडल जीते. इससे पहले 2014 में भी उन्होंने कोयंबटूर में नेशनल मास्टर्स ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने बताया कि वह लगातार मैराथन में हिस्सा लेना चाहती थीं, इसलिए फीनिक्स रनर्स टीम जॉइन कर मैराथन के लिए ट्रेनिंग ली.