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एम एफ हुसैन: कला के वो साधक जो नंगे पैर रहे, होर्डिंग्स भी किए पेंट

मशहूर चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन अपनी चित्रकारी के लिए दुनियाभर में जाने गए. वे 17 सितंबर, 1915 को जन्मे थे. सिनेमा उनका पहला प्यार था. नौ जून को उनका देहांत हुआ, जानिए कला के इस साधक के जिंदगी के सफर के बारे में.

एम एफ हुसैन एम एफ हुसैन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST

मशहूर चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन, जिनका पहला प्यार सिनेमा था. इसीलिए वे फिल्म निर्देशक बनने मुंबई गए, लेकिन यहां रहने के लिए उन्हें फिल्म बिलबोर्ड में चित्रकारी और खिलौने बनाने का काम करना पड़ा. जानते हैं उनकी पुण्यतिथ‍ि पर मकबूल फिदा हुसैन से जुड़ी दिलचस्प बातें.

हुसैन अपने शुरुआती और संघर्ष के दिनों में पैसे कमाने के लिए फिल्मों के होर्डिंग्स पेंट किया करते थे. इसी दौरान उनका रुझान चित्रकारी की ओर हुआ. धीरे-धीरे चित्रकारी उनका जुनून बन गई और साल 1940 में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली.

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एमएफ हुसैन बॉलीवुड की 'धक-धक गर्ल' माधुरी दीक्षित के बहुत बड़े प्रशंसक थे. उन्होंने माधुरी और तब्बू के साथ फिल्में भी बनाई. कहा जाता है कि वह विद्या बालन के साथ भी फिल्म बनाना चाहते थे.

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चित्रकारी की वजह से पैदा हुए विवादों के चलते उन्हें 2006 में भारत छोड़कर दोहा जाकर रहना पड़ा. उन्होंने कतर की नागरिकता भी ली. चित्रकारी में उन्होंने देश-दुनिया में नाम कमाया. 9 जून, 2011 को उनका लंदन में निधन हो गया था.

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हुसैन कभी जूते-चप्पल नहीं पहनते थे. वे हमेशा नंगे पांव रहते थे. हुसैन कहते थे कि मुझे जंगल में छोड़ देंगे तो भी मैं वहां से कुछ रचनात्मक बनाकर ही लौटूंगा. गूगल ने उनके बारे में कहा था, 'यह ख्याति आंशिक रूप से उनकी आधुनिकतावादी, बेहतरीन चित्रकारी और उनके द्वारा किए गए काम की वजह से है.'

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