
नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही सभी राज्यों को शिक्षा आउटकम और अन्य मानकों के आधार पर रैकिंग देगी. इससे साफ हो जाएगा कि शिक्षा के क्षेत्र में कौन से राज्य अग्रणी हैं और कौन पिछड़े हैं. इस तरह की पहली रैंकिंग अगले साल जून में जारी की जाएगी.
इसके लिए केंद्र सरकार का थिंक टैंक नीति आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ मिलकर स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स यानी SEQI का खाका तैयार कर रहा है. यह अनेक मानकों पर राज्यों को शिक्षा के क्षेत्र में रैकिंग देगा. शिक्षा के इन मानकों में राज्य सरकार द्वारा प्राप्त लर्निंग आउटकम, संभावित आउटकम, सरकारी प्रक्रिया, सुविधाओं में सुधार आदि को शामिल करने की योजना है.
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नीति आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है, 'राज्यों द्वारा अपनाई गई सफल नीतियों को हम ज्यादा तवज्जो देंगे. यह इंडेक्स साल में एक बार कैलकुलेट किया जाएगा. इसमें कुल 1000 अंक दिए जाएंगे जिसमें 5 विषय होंगे. 600 अंक केवल लर्निंग आउटकम के होंगे. जबकि बाकी 4 के लिए 100 अंक निर्धारित होंगे.'
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि SEQI को पहली बार 2017 में आउट किया जाएगा. इसका आधार डिस्ट्रिक्ट सिस्टम ऑफ एजुकेशन यानी DISE द्वारा उपलब्ध कराए गए 2014-15 के आंकड़े होंगे.
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बता दें कि इस नियम के तहत आउटकम डाटा क्वालिटी के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी NCERT एक उच्च क्वालिटी का सैंपल आधारित सर्वे सालाना तौर पर करेगा, जिससे लर्निंग आउटकम और अन्य मानकों का निर्धारण किया जाएगा.