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समर्पण मैती बने 'मिस्टर गे इंडिया', ऐसी है उनकी सफलता की कहानी

पश्चिम बंगाल के रहने वाले समर्पण मैती ने 'मिस्टर गे इंडिया' के खिताब को अपने नाम कर साबित कर दिया कि अगर इंसान के मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा है, तो दुनिया की कोई भी ताकत उसे रोक नहीं सकती.

समर्पण मैती समर्पण मैती
अनुज कुमार शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

पश्चिम बंगाल के रहने वाले समर्पण मैती ने 'मिस्टर गे इंडिया' के खिताब को अपने नाम किया है. 'मिस्टर गे इंडिया' प्रतियोगिता में वो पुरुष हिस्सा लेते हैं जो गे (समलैंगिक) हैं और सार्वजनिक तौर पर अपनी सेक्शुअलिटी को लेकर 'आउट' यानी सहज हैं.

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ब्रेन कैंसर पर रिसर्च कर रहे हैं समर्पण

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29 साल के समर्पण, पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. वह फिलहाल कोलकाता के एक नामी संस्थान में ब्रेन कैंसर ड्र्ग्स पर रिसर्च कर रहे हैं. वह यूएस की एक यूनिवर्सिटी में पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च के लिए इंटरव्यू का पहला इंटरव्यू राउंड भी पार कर चुके हैं. समर्पण आईआईटी और आईआईएससी (बेंगलुरु) के एंट्रेंस परीक्षाएं भी पास कर चुके हैं. उन्होंने  दो बार नेट (NET) की परीक्षा भी दी है.

कब पता चला सेक्शुअल ओरिएनटेशन के बारे में

जब वह 10वीं कक्षा में थे, तब उन्हें मालूम चला कि उन्हें फैशन के लिए काफी रुचि है और फिर मालूम चला कि उन्हें लड़कियों से ज्यादा लड़कों में दिलचस्पी है. समर्पण ने बताया कि वह लड़कियों की अपेक्षा लड़कों के साथ अधिक सहज महसूस करते हैं.

धीरे-धीरे समर्पण फैशन की दुनिया से रूबरू हुए. छोटी उम्र से ही उनके अंदर मॉडलिंग का शौक पनपने लगा. शुरुआत में जब समर्पण ने मॉडलिंग के बारे में सोचा, तब पहली परेशानी थी उनकी लंबाई. क्योंकि उनकी 5.6 फीट थी, लेकिन मॉडलिंग के लिए 5.7 फीट होनी चाहिए थी. जिसके बाद उन्होंने साल 2015 में समर्पण ने वर्कआउट शुरू कर दिया.

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एक गे व्यक्ति का मॉडलिंग करना इतना आसान नहीं होता. समर्पण को मॉडलिंग करते समय कई परेशानियों का सामना करना पड़ा.वहीं पिता की मौत के बाद उनके परिवार की आर्थिक हालत बिगड़ गई, लेकिन जीवन के हर मोड़ पर समर्पण को उनकी मां का भरपूर साथ मिला. उनकी मां अपने बेटे की उपलब्धियों से खुश हैं और उन्हें बेटे के गे होने पर भी आपत्ति नहीं है.

आज समर्पण ने ये खिताब जीतकर उन लोगों की बोलती बंद कर दी, जो थर्ड जेंडर को सबसे अलग समझते हैं. बता दें, समर्पण सिर्फ शोहरत के लिए मिस्टर गे वर्ल्ड का खिताब नहीं जीतना चाहते हैं, बल्कि वह अपनी उपलब्धियों के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देना चाहते हैं. बता दें, समर्पण अब मिस्टर गे इंडिया बनने के बाद मई में 'मिस्टर गे वर्ल्ड' पीजेंट में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाएंगे.

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