
बिहार के मुंगेर विश्वविद्यालय के कारनामे से यूं तो छात्र हमेशा परेशान रहते हैं, लेकिन इस बार का मामला बेहद चौंकाने वाला हैं. मुंगेर विवि की लापरवाही से पिछले कई महीनों से एक छात्र परेशान है और विवि के चक्कर लगाते-लगाते उसके चप्पल घिस गए. वो छात्र एक गंभीर बीमारी से भी जूझ रहा है और उसका इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा है. ऐसे में विवि के इस कारनामे से न केवल छात्र बल्कि उसका पूरा परिवार परेशान है.
जमुई के रहने वाले एक छात्र ने बीए पार्ट वन की परीक्षा में जिस विषय की परीक्षा ही नहीं दी, उस विषय में मुंगेर विवि के कर्मियों ने उसे पास कर दिया और जिस विषय की परीक्षा दी, उस विषय का अंक पत्र में कोई जिक्र ही नहीं था. काफी जद्दोजहद के बाद विवि के कुलपति के हस्तक्षेप के बाद छात्र के अंकपत्र में सुधार हुआ और वो फार्म भरने की अंतिम तारीख को बीए पार्ट 2 का फार्म मुंगेर विवि जाकर ही भर सका. फाॅर्म भरने की अंतिम तिथि बिना विलंब शुल्क के 16 फरवरी तक और विलंब शुल्क के साथ 20 फरवरी तक निर्धारित था.
ये है वो अंकपत्र जिसमें इतिहास के छात्र को मनोविज्ञान में किया पास
शहर के पुरानी बाजार मोहल्ले का रहने वाला शीर्षक कुमार केकेएम कालेज जमुई का बीए पार्ट वन का छात्र है. 2019 में आयोजित बीए पार्ट वन की परीक्षा में शीर्षक कुमार ने अर्थशास्त्र विषय में प्रतिष्ठा तथा वैकल्पिक विषय के रुप में राजनीति शास्त्र व इतिहास विषय की परीक्षा दी थी, लेकिन विवि की लापरवाही के कारण उसे इतिहास की जगह मनोविज्ञान विषय में पास कर दिया गया.
यही नहीं प्रायोगिक परीक्षा में शीर्षक कुमार को अनुपस्थित बताया गया है जबकि रिजल्ट में प्रमोटेड है. परिणाम में सुधार के लिए वह 6 महीने से विवि का चक्कर लगा रहा है लेकिन विवि ने गुरुवार को उसके अंकपत्र में सुधार किया. विवि ने इतनी दिलचस्पी इसलिए दिखाई क्योंकि गुरूवार को ही पार्ट टू के फार्म भरने की अंतिम तारीख थी.