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'एजुकेशन पॉलिसी में शामिल हो बच्चों की सुरक्षा'

नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के एक प्रतिनिधि मंडल ने एजुकेशन सेक्रेटरी से मुलाकात की है. इन्होंने न्यू एजुकेशन पॉलिसी मे शामिल करने के लिए अपने सुझावों की कॉपी सेक्रेटरी को सौंपी.

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स्नेहा/अनु जैन रोहतगी
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2016,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

नई बनने वाली एजुकेशन पॉलिसी मे बच्चों के हितों से जुडे प्रस्ताव को शामिल करने के लिए नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के एक प्रतिनिधि मंडल ने एजुकेशन सेक्रेटरी से मुलाकात की. पहले इनको मानव संसाधन मंत्री से मिलना था लेकिन बाद मे इन्होंने न्यू एजुकेशन में शामिल करने के लिए अपने सुझावों की कॉपी सेक्रेटरी को सौंपी.

कमीशन सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि वोकेशनल ट्रेनिंग बहुत अहम विषय है. सरकार 500-1000 वोकेशनल ट्रेनिंग को चुन ले फिर ये राज्य सरकार और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वो इलाके की जरूरत के हिसाब से बच्चो को ये ट्रेनिंग दे जिससे बच्चो को इससे आने वाले समय मे रोजगार के तुरंत अवसर मिले.

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सुझावो में दूसरी अहम बात ये है कि शिक्षा से जुड़े हर बात के फैसले लेने के अधिकार के लिए हर राज्य और नेशनल स्तर पर एक कमीशन का गठन होना चाहिए, इससे पूरी तौर पर शिक्षा मे राजनीति हस्तक्षेप खत्म होगा.

कोई भी सरकार आए जाए इससे ना तो पढ़ाई पर असर पढ़े और ना ही शिक्षकों की पोस्टिंग, ट्रांसफर पर. कमीशन ने नई बनने वाली एजुकेशन पॉलिसी मे आईएएस, आईपीएस कैडर की तरह एजूकेशन कैडर बनाने की भी माँग की है जिससे शिक्षा से जुड़े लोग ही हर बात का फैसला ले.

कमीशन ने ये बात भी उठाई है कि यदि स्कूलो में बच्चों की हेल्थ, उसके व्यवहार और भाषा के प्रोत्साहन सहित कई और बातों पर ध्यान देने की जरूरत है तो फिर स्कूलो मे बच्चो की सुरक्षा पर ध्यान क्यों नही. कमीशन ने बडी गंभीरता से नई बनने वाली एजुकेशन पॉलिसी मे बच्चो की सुरक्षा की बात भी शामिल करने को कहा है. कमीशन का मानना है कि जिस तरह से स्कूलो मे बच्चों के साथ घटने वाली दुर्घटनाएं बढ़ रही है ऐसे मे बच्चो की सुरक्षा के लिए स्कूलो को पूरी तरह से जिम्मेदार बनाया जाए.

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आपको बता दे कि नई एजुकेशन पॉलिसी बनाने के लिए 33 अलग- अलग थीम पर तमाम लोगो की राय ली गई है इनमें ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ किसान, स्कूलो ने पढ़ने वाले बच्चे भी है. इनमें से 13 थीम स्कूल एजुकेशन से और बाकी उच्च शिक्षा वाले जुड़ी है. इनमें स्कूलो मे भाषा को प्रोत्साहन देना, वोकेशनल ट्रेनिंग, टीचर ट्रेनिंग, बच्चो की हेल्थ भी शामिल है. अब कमीशन चाह रहा है कि इसमे 14 थीम के रूप मे स्कूलों मे बच्चों की सुरक्षा भी शामिल किया जाए. प्रियंक ने बताया कि सेक्रेटरी से मीटिंग काफी आशादयक रही और उनहोंने आश्वासन दिया है कि उनके सुझावो को कमेटी को सौंप दिया जाएगा.

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