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मेडिकल में दाखिले के लिए देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी NEET पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम बात कही है.
दरअसल, कोर्ट ने CBSE के फाॅर्मूले पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि सभी नीट परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र एक समान तैयार किया जाना चाहिए.
चाहे पेपर किसी भी लैंग्वेज में हो, क्वेश्चन एक जैसे होने चाहिए. लैंग्वेज के आधार पर प्रश्नों में बदलाव के फाॅर्मूले पर सुप्रीम कोर्ट राजी नहीं है.
क्या कहा कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह हलफनामा दायर कर बताए कि अगली बार से नीट की परीक्षा में सभी भाषाओं में एक जैसा प्रश्न पत्र होगा. कोर्ट ने कहा है कि अलग भाषा के अलग प्रश्न पत्र होने के कारण रेंकिंग पर असर पड़ता है.
गौरतलब है कि इस बार नीट परीक्षा अंग्रेजी-हिन्दी के साथ आठ अलग भाषाओं में आयोजित की गई थी. परीक्षा के बाद छात्रों ने इस बात पर विरोध जताया था कि कई भाषाओं के प्रश्नपत्र अपेक्षाकृत कठिन थे. बता दें कि 2017 की नीट परीक्षा में 9 लाख छात्रों ने इंग्लिश में नीट की परीक्षा दी थी, वहीं 1.5 लाख ने हिंदी और दूसरी भाषाओं में परीक्षा दी थी.