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पिता मनरेगा में मजदूर, स्कूल 20 KM दूर, बेटे ने किया NEET पास

राजस्थान के धौलपुर के रहने वाले कृष्ण कुमार अब डॉक्टर बनना चाहते हैं और अगर वे डॉक्टर बनने में सफल होते हैं तो अपनी ग्राम पंचायत के पहले डॉक्टर होंगे.

कृष्ण कुमार कृष्ण कुमार
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST

हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने नीट के नतीजे जारी किए थे, जिसमें करीब 7 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की थी. पास होने वाले इन लाखों उम्मीदवारों में कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने भले ही टॉप ना किया हो, लेकिन उनकी कहानी काफी प्रेरणादायक है. उन लोगों में एक नाम है राजस्थान के कृष्ण कुमार का, जिन्होंने एनईईटी में सफलता हासिल की है.

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राजस्थान के धौलपुर के रहने वाले कृष्ण कुमार अब डॉक्टर बनना चाहते हैं और अगर वे डॉक्टर बनने में सफल होते हैं तो अपनी ग्राम पंचायत के पहले डॉक्टर होंगे. साथ ही कृष्ण कुमार अपने जिले में एनईईटी परीक्षा पास करने वाले इकलौते उम्मीदवार हैं. कृष्ण कुमार के माता-पिता मनरेगा मजदूर के रूप में काम करते हैं और मुश्किलों में से अपना जीवनयापन करते हैं.

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उनके माता-पिता ने कहा कि वे चाहते थे कि वे जीवन में जिन दुखों का सामना कर रहे थे, उनसे बाहर निकलें. उनके पिता मुन्ना लाल ने कहा, 'मेरा लंबे समय का सपना पूरा हो गया है और मुझे गर्व है कि मेरा बेटा मेरे पंचायत में पहला डॉक्टर होगा.' कुमार की मां अशिक्षित है और उन्होंने मुन्ना लाल ने 5वीं तक पढ़ाई की है.

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रिपोर्ट्स के अनुसार कृष्ण कुमार ने अपने गांव में केरोसिन लैंप से अपनी पढ़ाई करते कई रातें बिताई, उनके पास आधुनिक लैंप खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे. बता दें कि हाल ही में आयोजित NEET एग्जाम में आल इंडिया 3,099 रैंक हासिल की है. वह अपने पंचायत से पहले एमबीबीएस डॉक्टर बनेंगे. कुमार ने अपने गांव से लगभग 20 किमी दूर एक हिंदी माध्यम सरकारी स्कूल से अपनी 12वीं की शिक्षा पूरी की.

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