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केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को 'दुरुस्त' करने के लिए दिसंबर में एक नई शिक्षा नीति लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था 'औपनिवेशिक' सोच का अनुसरण करती है. उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति पर गहन चर्चा की गई है और यह अपने अंतिम चरण में है.
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार की नई शिक्षा नीति अपने अंतिम चरण में है और दिसंबर में इसे सामने रखा जाएगा. नीति में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने पर विचार किया गया है जो एक औपनिवेशिक सोच का पालन करती है. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद दुर्भाग्यवश ज्यादातर अकादमीशियन ब्रिटेन और पश्चिमी विद्वानों के पदचिन्हों का चले और जान-बूझकर भारतीय संस्कृति को बदनाम किया.
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मंत्री ने कहा कि सरकार और शिक्षा व्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि भारतीय सोच को कैसे उपनिवेश से स्वतंत्र कराया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में देश को विश्व के साथ कदम मिलाकर चलना होगा.
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राष्ट्रीय अकादमिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने बताया कि नई नीति में प्रथामिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, उच्च शिक्षा के खर्च को वहन करने में असमर्थता और ज्यादातर लोगों तक शिक्षा की पहुंच को सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों को ध्यान में रखा गया है. उन्होंने बताया कि कौशल विकास एक बड़ा क्षेत्र है जहां सरकार ने जोर दिया है, लेकिन इस संबंध में और अधिक कार्य किया जाना है.