
दिल्ली सरकार ने डीडीए की जमीनों पर चल रहे 298 प्राइवेट स्कूलों के लिए भी नर्सरी एडमिशन की गाइडलाइंस जारी कर दी है. दिल्ली सरकार के नए संशोधित नियम के मुताबिक स्कूलों के पास 20 फीसदी मैनेजमेंट कोटे के तहत दाखिले का अधिकार नहीं होगा. संशोधित नियम में एलुमनाई क्राइटेरिया को भी स्क्रैप कर दिया गया है.
नर्सरी एडमिशन: स्कूल बस के एरिया को नेबरहुड मान अंक दे रहे स्कूल!
नए नियम के मुताबिक नर्सरी दाखिले के 75 फीसदी ओपन सीटों में स्कूल सबसे पहले 0-1 किलोमीटर तक के रेंज के बच्चों को एडमिशन देगा. इनमें सबसे पहले उन बच्चों को दाखिला मिलेगा जिनके भाई-बहन उसी स्कूल में पढ़ते हैं. यानी सिबलिंग क्राइटेरिया के तहत 0-1 किलोमीटर की रेंज में रहने वाले बच्चों को दाखिले में प्राथमिकता दी जाएगी.
नर्सरी एडमिशन: ये टिप्स आसान कर देंगे हर काम
-अगर 0-1 किलोमीटर की रेंज में सिबलिंग क्राइटेरिया के लिए आवेदनों की संख्या स्कूल की सीट से ज्यादा होती है तो ड्रा के जरिए दाखिला होगा.
- अगर 0-1 किलोमीटर की रेंज में सिबलिंग दाखिले के बाद भी स्कूल में सीटें खाली रह जाती हैं तो स्कूल 0-1 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले बच्चों को पहले दाखिला देंगे. आवेदन ज्यादा होने पर ड्रा किया जाएगा.
- इसी तरह स्कूल सीट खाली रहने पर पहले 1-3 किलोमीटर और उसके बाद 3-6 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले बच्चों को दाखिला दे सकेंगे.-नर्सरी दाखिले में स्कूल की 25 % सीटें EWS/DG कैटेगरी के लिए होगी.
ये 298 स्कूल वो हैं जिन्होंने डीडीए से जमीन प्राप्त करते समय एक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे. जिसके मुताबिक ये नेबरहुड के बच्चों को एडमिशन देने से मना नहीं कर सकते. हालांकि अब तक नेबरहुड डिफाइन ही नहीं किया गया था. लेकिन नई गाइडलाइन के मुताबिक ये स्कूल अपने नेबरहुड बच्चों को एडमिशन देने से मना नहीं कर सकते.