![Old Man from Bihar teaches Slum Kids [Photo: Avarnita Mathur]](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/201605/bihar_146288157481_650x425_051016053726.jpg?size=1200:675)
कहा जाता है किसी भी अच्छे या बुरे काम को अंजाम देने के पीछे मंशा देखी जाती है. मंशा जो आपको कहीं से कहीं पहुंचा सकती है. बिहार प्रांत के रहने वाले श्याम बिहारी प्रसाद बीएसएनएल में असिस्टेंट जनरल मैनेजर पद पर कार्यरत थे. वे साल 2013 में रिटायरमेंट के बाद दिल्ली चले आए. रिटायरमेंट के बाद वे सड़क पर बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं.
मंदिर आने-जाने के क्रम में आया आइडिया...
स्वास्थ्य को बरकरार रखने के क्रम में वे रोज नजदीक के मंदिर और पार्क में टहलने जाया करते थे. वहां उन्हें रोज कुछ बच्चे मिलते जो पास की ही झुग्गी-झोपड़ियों में रहते थे. वे उनसे रोज ही कुछ खाने-पीने के लिए मांगा करते. उन्होंने इन बच्चों को पढ़ाने-लिखाने का निर्णय लिया.
हर सुबह बच्चों को पढ़ाते हैं...
उनके पास बच्चों को पढ़ाने के लिए बेसिक सुविधा भी नहीं है. वे बच्चों को सुबह 8 बजे से 11 बजे के बीच पढ़ाते हैं. वे कहते हैं कि शुरुआत में तो बच्चे बुलाने पर भी नहीं आते थे. वे बच्चों को चॉकलेट और गिफ्ट्स देकर अपने पास बुलाते थे. अब कई लोग उनकी मदद के लिए तत्पर हैं और बहुतों ने चटाई, कॉपी-कलम, ब्लैकबोर्ड, किताबें और अन्य सामान देकर मदद की है.
साथ ही वे कहते हैं कि यह कठिन दौर है और बच्चों के सामने भारी खतरे हैं और सिर्फ शिक्षा ही उनके बेहतर भविष्य के मार्ग खोल सकती है.