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प्रकाश पर्व की बधाई, गुरु नानक देव जी ने सिखाए थे ये पाठ...

सिख धर्म के संस्‍थापक गुरु नानक देव जी की आज 547वीं जयंती है. आज जानिए उनके अनमोल वचन...

गुरु नानक देव जी गुरु नानक देव जी
मेधा चावला
  • नई दिल्‍ली,
  • 14 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:02 PM IST

सिख गुरुओं में सबसे सरल गुरु नानक देव जी की वाणी जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है. वे क्‍या कुछ कहते हैं आचरण के बारे में, जानिए

- हिंदु, मुस्लिम, सिख या ईसाई बनने से पहले इंसान बनिए.
- 'इक ओंकार' यानी ईश्वर एक है और वह सभी जगह मौजूद है.
- केवल ऐसी वाणी बोलिए, जिससे आपको सम्‍मान मिले.

शेर-ए-पंजाब रणजीत सिंह अद्भुत बल के लिए जाने जाते थे...

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- पहले अपने भीतर की बुराइयों पर विजय प्राप्‍त करो फिर दुनिया जीतने निकलो.
- भगवान एक है लेकिन उसके कई रूप हैं. वो सभी का निर्माणकर्ता हैं और वो खुद मनुष्‍य का रूप लेता है.
- अहंकार को त्‍याग देना चाहिए. यह इंसान का सबसे बड़ा दुश्‍मन है.

जिन्होंने 'सत्यमेव जयते' के नारे को लोकप्रिय बनाया...

- धन-समृद्धि से युक्‍त बड़े-बड़े राज्‍यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है, जिसमें ईश्‍वर का प्रेम भरा हो.
- अपने हाथों से मेहनत करके ही धन कमाना चाहिए.

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