
कहते हैं ना, बस कुछ कर दिखाने का जज्बा मन में होना चाहिए फिर चाहे जैसे भी हालात हों वह इंसान हर मुसीबत झेलकर अपना मुकाम हासिल कर ही लेता है.
ऐसे ही जुनून की कहानी है 17 साल के अमित कुमार की. HT में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अमित ने कड़ी गरीबी झेलकर भी राजस्थान बोर्ड में 12वीं कक्षा में 98.2% हासिल किए थे.
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आज गरीबी की वजह से कई बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं, लेकिन उनमें से कई बच्चे ऐसे भी होते हैं जो गरीबी को अपने भविष्य के आड़े नहीं आने देते.
आपको बतादें मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 6 करोड़ बच्चे आज भी नहीं जाते स्कूल. जिसकी वजह ज्यादातर गरीबी बताई गई है. लेकिन अमित उन गरीब बच्चों के लिए मिसाल हैं जो पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन गरीबी की वजह से पढ़ नहीं पाते.
कौन है अमित
अमित एक मजदूर का बेटा है. वह बिना ट्यूशन और बिना किसी की मदद लिये अपने दम पर राजस्थान बोर्ड में 12वीं क्लास में केमेस्ट्री और मैथमेटिक्स में 100 अंक प्राप्त किए थे. जिसका गुणगान आज तक पूरा राजस्थान करता है.
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... जब अमित छोड़ना चाहता था पढ़ाई
HT में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अमित के पिता एक मजदूर हैं. इस कारण उसका परिवार आर्थिक स्थिति से जूझ रहा था. ऐसे में अमित की पढ़ाई का खर्च उठाना उनके पिता के लिए मुश्किल था. पढ़ाई की फीस ना दे पाने की वजह से अमित बीच में पढ़ाई भी छोड़ना चाहते थे, लेकिन स्कूल के डायरेक्टर प्रमोद सिंह ने पढ़ाई के प्रति अमित के डेडिकेशन को देखते हुए फ्री शिक्षा दी. साथ ही वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने लगे.
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अमित की सफलता को देखते हुए अब उनका परिवार बेहद खुश है. पिता सरेंद्र सिंह का कहना है कि इतने गरीबी के बावजूद भी उनका बेटा इतने अच्छे मार्क्स लेकर आया है यह एक सपने जैसा है. साथ ही हर पिता के तरह अमित के पिता भी सपना है कि वह बड़ा होकर एक अफसर बनें.
13 KM साइकिल चलाकर जाता था स्कूल
अमित ने 8वीं की पढ़ाई सरकारी स्कूल से की. बाद में उसका एडमिशन भरतपूर के एक प्राइवेट स्कूल में हुआ. जहां वह 13 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्कूल जाता था. उसने 10वीं कक्षा में 94% मार्क्स प्राप्त किए. अब Lupin Human Welfare and Research Foundation ने उच्च शिक्षा के लिए उसे समर्थन देने की बात कही है.