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पायलट की नौकरी से खुश थे राजीव गांधी, नहीं थी राजनीति में रूचि

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ही देश में पहला कंप्यूटर लेकर आए थे. जानें उनके बारे में..

राजीव गांधी राजीव गांधी
प्रियंका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST

आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 74वीं जयंती है. उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था. वे ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनके कार्यकाल में देश ने 'कंप्यूटर क्रांति' देखी. डिजिटल इंडिया के जनक उन्हें की कहा जाता है.

देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री कहलाए जाने वाले राजीव गांधी राजनीति में नहीं आना चाहते थे. लेकिन हालात ऐसे बने कि वो राजनीति में आए और देश के सबसे युवा पीएम के रूप में उनका नाम दर्ज हो गया.

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जब बनें प्रधानमंत्री

साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वे प्रधानमंत्री बने. राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पायलट की नौकरी करते थे और उसी में खुश थे. लेकिन आपातकाल के उपरांत जब इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. वहीं साल 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद माता इंदिरा का सहयोग देने के लिए उन्होंने राजनीति में एंट्री की.

(जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले डिजिटल कंप्यूटर के साथ)

वह साल 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर में 21 मई, 1991 को आम चुनाव के प्रचार के दौरान एलटीटीई के एक आत्मघाती हमलावर ने उनकी हत्या कर दी थी. उन्होंने साल 1966 में ब्रिटेन से प्रोफेशनल पायलट बनकर लौटे. वे दिल्ली-जयपुर-आगरा रूट पर विमान उड़ाते थे. जब वे प्रधानमंत्री बने तब उनकी उम्र 40 साल 72 दिन थी.

शादी

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राजीव गांधी की शादी सोनिया गांधी से हुई. उनकी मुलाकात तब हुई जब वह कैम्ब्रिज में पढ़ने गए थे. साल 1968 में उन्होंने सोनिया ने शादी कर ली. उनके दो बच्चे हैं- पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी. उनके पुत्र राहुल गांधी वर्तमान में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं.

कैसे- हुआ राजीव गांधी का निधन

राजीव गांधी साल 1991 में चुनाव प्रचार के दौरान श्रीपेरुमबुदुर में लिट्टे के आत्मघाती हमले का शिकार हुए थे. धनु नाम की महिला हमलावर ने राजीव गांधी के पैर छूने के बाद खुद को बम से उड़ा लिया था. इस हमले में राजीव गांधी के अलावा 14 और लोगों की जान चली गई थी.

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