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भले ही उम्र 60 के पार हो पर किसी मुकाम को पाने के लिए उम्र मायने नहीं रखती. काम के प्रति ईमानदारी और सच्ची निष्ठा हो तो आप दुनिया का कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं. यही कहानी है भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य की.
सालों सें भारतीय स्टेट बैंक में चेयरपर्सन के पद पर काम कर रही अरुंधति भट्टाचार्य को 'फॉर्च्यून मैगजीन' की टॉप लीडर्स लिस्ट में भी शामिल किया गया है.
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भारतीय स्टेट बैंक के इतिहास में अरुंधति भट्टाचार्य सर्वोच्च पद पर
पहुंचने वाली पहली महिला हैं.
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1977 से उन्होंने बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक जॉइन किया था. तब से लेकर आज उन्होंने अपने काम से लोगों के दिलों पर राज करती आ रही है. अरुंधति ने अपने बैंक के करियर को काफी चुनौती भरा कहा. उन्होंने बताया इतने सालों में काम, सहकर्मी के साथ काफी शहर भी बदले.
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अरुंधति का कहना है कि हर एक जॉब में कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलता है. उन्होंने बताया उन्हें काम को लेकर रिलैक्स करने का मौका कभी नही मिला, इसलिए उनके लिए काम ही रिलैक्सेशन था.अरुंधति का सक्सेस मंत्रा ये भी कि जिस काम में आपका मन है वही काम चुनें और उस काम को लेकर मेहनत करें. हर फील्ड में स्कोप है.