
मुंबई की रहने वाली डिजनी डिसूजा ने वो कारनामा कर दिखाया है, जो दूसरे लोगों के लिए प्रेरणादायक साबित होगा. 16 साल की उम्र तक रेसिंग में कई स्टेट और नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली डिसूजा ने भारत के लिए एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला था, जो उनका सपना था. हालांकि उन्होंने शादी के बाद 42 की उम्र में यह सपना पूरा कर दिखाया.
16 साल की उम्र में रेस से दूर होने के बाद उनकी शादी हो गई और वो एलआईसी में नौकरी कर रही थीं. हालांकि 42 साल की उम्र में उन्होंने वापस अपने करियर को शुरू करने के बारे में सोचा. उन्हें यकीन था कि वो भारत के लिए जरूर मेडल जीतेंगी. रेडिफ की एक खबर के अनुसार उन्होंने चीन मास्टर्स के लिए क्वालीफाई करने के बाद वो वापस ट्रैक पर लौट गईं. बता दें कि इसमें 35 साल के अधिक एथलीट ने हिस्सा लिया था और 19 देशों ने इसमें भाग लिया था.
खतरनाक चट्टान पर चढ़ाई कर इस विदेशी महिला ने रचा इतिहास...
अपने बचपन के दौर से अब ट्रेनिंग टैक्नीक अलग हो गई थी, इसलिए उन्होंने वापस स्कूल जाने का फैसला किया और वहां प्रेक्टिस करना शुरू कर दिया. एक कोच के साथ प्रेक्टिस करने के बाद वो स्कूल में जाती थीं और वहां 14 साल की एक लड़की के साथ रनिंग करती थीं. 42 साल की उम्र में वापस रनिंग की शुरुआत करने की वजह से उन्होंने कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
ट्रेन हादसे में गंवाए हाथ, अब पैर की उंगलियों से करती है चित्रकारी
उसके बाद उन्होंने खुद के पैसों से आगे की यात्रा तय की और लगातार आगे बढ़ती रही. उसके बाद उन्होंने चीन में भारत के लिए कांस्य और रजत पदक हासिल कर इतिहास रच दिया.