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कभी रहने-खाने का नहीं था जुगाड़, आज है फैशन इंडस्ट्री की नामचीन हस्ती

विल्स इंडिया फैशन वीक और अमेजन के फैशन वीक स्प्रिंग वीक स्प्रिंग समर में अपना कलेक्शन पेश कर चुकी यह नामचीन फैशन डिजाइनर 18 साल की उम्र में भाग गई थी अपने घर से, जानिये क्या थी वजह...

Vaishali Shadangule Vaishali Shadangule
वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

विल्स इंडिया फैशन वीक और अमेजन के फैशन वीक स्प्रिंग वीक स्प्रिंग समर में अपने ट्रेडिशनल और मॉडर्न फ्यूजन कलेक्शन से सबके होश उड़ाने वाली फैशन डिजाइनर वैशाली शंडागुले फिल्म इंडस्ट्री में सोनम कपूर, विद्या बालन, विपाशा बसु आदि की ड्रेस डिजाइन करती हैं.

लेकिन कभी एक वक्त था जब बॉलीवुड की इस नामचीन फैशन डिजाइनर के पास न तो खाने के पैसे थे और न ही पहनने के लिए कपड़े. दरअसल, 18 साल की उम्र में वैशाली घर से खाली हाथ भाग गईं थीं. उनके पास न तो पैसे थे और न ही कपड़ा था.

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क्यों भागी घर से

वैशाली का जन्म मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 57 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर विदिशा के एक रुढ़िवादी परिवार में हुआ. 18 साल की उम्र की दहलीज पार करते ही, उनके घर वाले शादी की बात करने लगे. वैशाली ने अपने घर वालों को समझाने की कोश‍िश की पर वो नहीं मानें. अब वैशाली के पास शादी से बचने का दूसरा कोई रास्ता नहीं था, इसलिए वो घर से भाग गईं और सीधे रेलवे स्टेशन पहुंचीं.

बिना पैसों के कहां पहुंची वैशाली

वैशाली को कपड़ों की पहचान अपने पिता से विरासत में मिली थी. इसलिए इस बात को लेकर वैशाली निश्चत थी कि वह इस क्षेत्र में कामयाब होगी. घर से जब रेलवे स्टेशन भागी तब उसे पता नहीं था कि उसे कहां जाना है. जो पहली ट्रेन आई, उसमें बैठ गई. ट्रेन मुंबई की थी.

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पहली नौकरी

मुंबई पहुंचने के बाद वैशाली इधर-उधर घूमती रही और लोगों से काम मांगती रहीं. आख‍िरकार एक ऑफिस में उन्हें 500 रुपये की नौकरी मिली. अपनी कमाई से वैशाली बचत भी करने लगीं.

फैशन का सपना

अपनी इसी कमाई से वैशाली ने एक छोटे से फैशन डिजानिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने की कोश‍िश की, लेकिन उन्हें एडमिशन नहीं मिला. वैशाली ने हार नहीं मानी और दूसरी जगह से कट‍िंग्स और सिलाई सीख ली और फैशन सेमिनार अटेंड करना शुरू कर दिया.

एक्सपोर्ट हाउस और फिटनेस सेंटर में नौकरी

वैशाली को इसके बाद एक एक्सपोर्ट हाउस में नौकरी मिल गई. वैशाली को यहां 11,000 रुपये सैलरी मिलती थी. वैशाली ने बचत शुरू ही किया था कि स्ल‍िप डिस्क हो गई और सारी बचत इलाज में खर्च हो गई. फिर वैशाली ने फिटनेस ट्रेनर के तौर पर नौकरी की.

अपनी दुकान

ये नौकरी जमी नहीं और वैशाली ने 50,000 रुपये का लोन लेकर अपनी दुकान खोली. इसी दौरान उन्होंने शादी भी की. इसके बाद वैशाली ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. वैशाली का शो रूम आज तीन मंजिला है. चंदेरी, सिल्क और कॉटेन के फ्यूजन से डिजाइनिंग करती हैं.

 

 

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