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13 साल में एवरेस्ट चढ़ी, अब आ रही है फिल्म, जानिये कौन है पूर्णा

हौसलों में उड़ान हो तो पंख की जरूरत नहीं होती. 13 साल की उम्र में एवरेस्ट पर चढ़कर पूर्णा ने ये साबित कर के दिखाया. जानिये पूर्णा के सफलता की कहानी...

Malavath Purna Malavath Purna

जो लोग ये सोचते हैं कि लड़कियां हर काम नहीं कर सकतीं उनके लिए पूर्णा एक मिसाल है. सिर्फ 13 साल की उम्र में एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी छूकर पूर्णा ये साबित कर दिया कि लड़कियां कुछ भी कर सकती हैं.

सबसे कम उम्र में एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी छूने वाली पूर्णा देश और दुनिया की पहली लड़की हैं.

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तेलंगाना के छोटे से पकाला गांव में रहने वाली पूर्णा देखते ही देखते एक ऐसी शख्स‍ियत बन गई हैं, जिसके बारे में जानने और जिसकी सफलता की कहानी सुनने को हर आदमी उत्सुक है.

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पूर्णा जिस समाज और जिस क्षेत्र से आती हैं, वहां कि 13 फीसदी से ज्यादा बच्च‍ियों का वजन सामान्य से बेहद कम है और लिटरेसी रेट सिर्फ 50 फीसदी है. ऐसे में पूर्णा ने न केवल अपने लिए रास्ता बनाया, बल्क‍ि अपने जैसी तमाम लड़कियों को सफलता का रास्ता दिखाया है.

शायद यही वजह है कि पूर्णा पर फिल्म बनाई गई है. फिल्म का नाम है 'पूर्णा'. राहुल बोस निर्मित इस फिल्म में पूर्णा के संघर्ष और उनके सफलता की दास्तां को दिखाया जा रहा है.

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खेतों में काम करने वाले पूर्णा के माता-पिता (लक्ष्मी और देवीदास) ने भी कभी ये नहीं सोचा था कि उनकी बेटी कुछ ऐसा कर दिखाएगी,‍ जिससे उनका सर गर्व से ऊंचा हो जाएगा.

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पूर्णा का पूरा नाम मालावथ पूर्णा है. माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी को सबसे कम उम्र में छूने वाली दुनिया की दूसरी और भारत की पहली व्यक्त‍ि हैं और दुनिया की पहली लड़की हैं. दरअसल, पूर्णा ने जब एवरेस्ट की चढ़ाई की तब वो 13 साल 11 महीने की थीं, जबकि जॉर्डन रोमेरो ने 13 साल 10 महीने की उम्र में यह कारनामा किया था.

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