
आज सुप्रीम कोर्ट में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया, जिसमें कहा गया कि सेना में 3 महीने के अंदर महिला अफसरों को स्थाई कमीशन दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट का फैसला कॉम्बैट विंग छोड़कर बाकी सभी विंग पर लागू होगा. आइए ऐसे में जानते हैं आखिर ये स्थाई कमीशन क्या है और सेना में महिलाओं को इसका क्या फायदा मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेना में काम रही महिलाओं को तोहफा देते हुए स्थाई कमीशन की घोषणा की थी, जिसके माध्यम से महिलाएं भी पुरुषों की तरह ही देश के लिए सेवा कर सकेंगी. उन्होंने शॉर्ट सर्विस कमीशन से चयनित होने वाली महिलाओं के लिए ये घोषणा की है, जिसकी वजह से महिलाएं ज्यादा समय तक सेना में काम कर सकेंगी.क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीन ने कहा सेना में सभी सेवारत महिलाओं को 10 विभाग में स्थाई कमीशन मिले. 14 साल तक काम कर चुकी सभी महिलाएं 20 साल तक काम कर सकती हैं. रिटायर होने के बाद उन्हें पेंशन भी दी जाएगी.
हालांकि लड़ाकू ऑपरेशनों में महिलाओं की नियुक्ति नहीं होगी. इसे छोड़कर सेना के 10 विभागों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन मिलेगा. इसके साथ कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 15 के तहत लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं हो सकता है.
क्यों छोड़ा कॉम्बैट ऑपरेशन
महिलाओं को कॉम्बैट ऑपरेशन में नौकरी देने का फैसला कोर्ट ने सेना पर छोड़ दिया है. कोर्ट का कहना है 'जंग में सीधे शामिल होने का फैसला नीतिगत मामला है.
ये हैं 10 विभाग, जिनमें महिलाओं को मिलेगा स्थाई कमीशन
जज एडवोकेट जनरल, आर्मी एजुकेशन कोर, सिग्नल, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स-मिकैनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस और इंटेलिजेंस शामिल है.
अब क्या होगा फायदा
महिलाओं के लिए स्थाई कमीशन लागू होने की वजह से महिलाएं ज्यादा वक्त तक सेना में काम कर सकेंगी और उन्हें कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी. स्थाई कमीशन से महिलाएं 20 साल तक काम कर सकेंगी. अब तक सेना में महिलाएं शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत काम करती थीं.