
आधुनिक सुख सुविधाओं से दूर रहकर अपनी मंजिल को हासिल किया जा सकता है, हल्द्वानी की 10 साल की बेटी ने इस कहावत को सही साबित कर दिखाया है. 10 साल की ग्रेही आज 10वीं क्लास के सवाल हल कर रही है, जो बड़ी होकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहती हैं. खास बात ये है कि पढ़ाई के दौरान कोई दिक्कत होती है तो वो किसी की मदद नहीं लेती, बल्कि मेडिटेशन यानी साधना के जरिए उस परेशानी से बाहर निकल जाती है.
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गार्थ और ग्रेही कभी टीवी नहीं देखते, कभी खिलौनों से नहीं खेलते, बल्कि उन्हें आउटडोर गेम पसंद है. दोनो बच्चे नियमित रूप से मेडिटेशन यानी साधना करते हैं. ग्रेही के पिता बताते हैं कि उन्होंने ध्यान के लिए नौकरी छोड़ दी और बच्चो के होश संभालने के बाद उन्हें भी नियमित ध्यान कराया, जिसका परिणाम यह है कि दोनों बच्चो की प्रतिभा आम बच्चों से कई गुना आगे है.
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ग्रेही के पिता दिवस के मुताबिक अपनी इस प्रतिभा के जरिए ग्रेही को महज 10 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा में बैठाने की तैयारी चल रही है, यदि सीबीएसई के नियम आड़े नहीं आए तो अगले साल ग्रेही 10वीं की परीक्षा में बैठेंगी.