
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया तो शहर हो या गांव, घर-घर में टॉयलेट (शौचालय) बनाए जाने पर बहुत जोर दिया गया. गांवों में खास तौर पर 'खुले में शौच' करने के चलन पर रोक लगाने के लिए मुहिम छेड़ी गई. इस मामले में मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आने पर प्रशासन ने अब इस अभियान को सफल बनाने के लिए कमर कस ली है.
स्कूलों में हो रहा अनूठा प्रयास...
ऐसे ही प्रयासों के तहत स्कूलों में अनूठा प्रयोग किया जा रहा है. स्कूलों को दिया गया एक निर्देश चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके तहत जब स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति (अटेंडेंस) दर्ज की जाएगी तो उन्हें 'प्रेजेंट सर' या 'उपस्थित श्रीमान' नहीं कहना होगा. इसके स्थान पर बच्चों से शिक्षकों की ओर से पूछा जाएगा कि उनके घर में टॉयलेट है या नहीं. बच्चे 'हां' या 'ना' में जो जवाब देंगे उसे शिक्षकों को दर्ज करना होगा. इस वक्त बच्चों को नए तरीके की ये अटेंडेंस देना सिखाया जा रहा है.
कलेक्टर ने दिए निर्देश...
कलेक्टर से निर्देश मिलने के बाद खरगोन में आदिवासी विकास सहायक आयुक्त नीलेश रघुवंशी ने सभी स्कूलों को इस आशय का फरमान जारी किया है. अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के प्रयोग से बच्चों और उनके परिवारों में टॉयलेट निर्माण के लिए जागरूकता फैलेगी.
शिक्षा अधिकारी कहते हैं कि इस तरकीब से शौचालय निर्माण के लिए जागरुकता फैलेगी. जो बच्चा अटैंडेंस के दौरान टॉयलेट नहीं है बोलेगा उसके परिवार से संपर्क कर उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जायेगा.