
बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है. क्योंकि वो जो भी करते हैं एकदम निश्छल भाव से करते हैं. उनमें ना द्वेष की भावना होती है ना ही लालच की. हिमाचल प्रदेश से ऐसी ही दिल छू लेने वाली खबर आई है. शिमला (Shimla) में दो बच्चियों ने अपनी पॉकेट मनी आपदा राहत कोश में दान दे दी.
दरअसल, प्रदेश में घटी आपदा के बाद हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री आपदा राहत कोश में पैसे जुटाने में लगी है. अब तक इस कोश में 180 करोड़ रुपये की राशि जमा हो चुकी है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने 51 लाख रुपये की राशि दान की है, जबकि उनकी मां संसार देवी ने भी 50 हजार रुपये की राशि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोश में जमा की है.
हालांकि इस आपदा से प्रदेश में 8667.95 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई करना काफी मुश्किल होगा. मगर इस संकट की घड़ी में 2 स्कूली बच्चियों ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं.
दो बच्चियों ने दान किए 20 हजार 35 रुपये
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार 24 सितंबर यानी रविवार को यहां की दो बच्चियों ने अपनी सारी पॉकेट मनी प्रदेश के आपदा राहत कोश में दे दी. ये मासूम हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने अपनी गुल्लक ले गई और अपनी पॉकेट मनी डॉनेट की.
दूसरी और 7वीं क्लास की छात्राएं, सीएम ने का तारीफ
7वीं कक्षा में पढ़ने वाली आहाना वर्मा ने 10 हजार 229 रुपये और दूसरी क्लास की स्टूडेंट जीया वर्मा ने 9 हजार 806 रुपये आपदा राहत कोश में दान किए. बच्चों की नेकदिली की तारीफ करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि ये बहुत खुशी की बात है कि बच्चे भी इस अच्छे काम के लिए दान दे रहे हैं. ये आपदा से प्रभावित लोगों की मदद करने और उनकी परेशानी हल करने में जरूर सहायता करेगा. इन बच्चों ने एकता और करूणा की मिसाल पेश की है.
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'लोरेटो कॉन्वेंट तारा हॉल स्कूल, शिमला की दो नन्हीं छात्राओं अहाना वर्मा और जिया वर्मा ने आपदा राहत कोष में अंशदान के लिए अपनी गुल्लक भेंट कर 10229 रुपये और 9806 रुपये का योगदान दिया. मैं इन दोनों बच्चियों के इस अमूल्य योगदान की सराहना करता हूं. प्रदेश के छोटे-छोटे बच्चे भी आपदा प्रभावित लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए अंशदान कर मानवता का उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर रहे है. इन नन्हीं बेटियों का यह प्रयास समस्त समाज के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरणादायी है.'
बता दें कि इस आपदा में 441 लोग अपनी जान खो चुके हैं. ऐसे में दूसरे राज्यों की सरकार और पूरे देश के लोग अपनी तरफ से मदद की कोशिश में लगे हुए हैं. महापौर ने भी एक ग्रुप बनाकर पांच महीने तक राहत कोश में पैसे दान करने का फैसला लिया है. वो इस ग्रुप के मेंबर्स से 1000-1000 रुपये इकट्ठा करेंगे और हर महीने आपदा राहत कोश में देंगे.