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याद है उस एंगल का नाम जो 90 डिग्री पर बनता है...

स्कूल में ज्यामिति की शुरुआत एंगल को समझने से होती है. क्या ये बेसिक आपको अभी भी याद हैं या फ‍िर हमारी मदद की जरूरत है...

Angles and Protractor Angles and Protractor
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2016,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

हम-सभी अपने स्कूल के दिनों में जिस एक सब्जेक्ट से सबसे अधिक डरते रहे हैं उनमें से अव्वल रहा है ज्यामिति (Geometry). हमें तब समबाहु और समद्विबाहु शब्दों को सुनने के बाद ऐसा लगता जैसे इन शब्दों को हमें मानसिक और शारीरिक यंत्रणा देने के लिए ही गढ़ा गया है.
हम इन्हें जितना ही समझने की कोशिश करते उतना ही उलझते चले जाते. हालांकि बाद के दिनों में हम इन शब्दों से मजबूरन ही सही, दोस्ती कर बैठे. लेकिन आज हम अपने पाठकों के लिए विशेष रूप से एंगल ज्ञान लेकर आए हैं. पढ़ें और सीखें...

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1. राइट एंगल(समकोण)- राइट एंगल को पकड़ना और समझना सबसे आसान होता है. यह सबसे सहज और सरल एंगल होता है. यह अंग्रेजी के एल (L) लेटर  जैसा दिखता है. इसका माप 90 डिग्री होता है.

2. एक्यूट एंगल(न्यून कोण)- इस एंगल को पिंच एंगल भी कहते हैं. इस एंगल के तहत जीरो(0) से नब्बे(90) डिग्री के बीच के कोणों को मापा जाता है. एक्यूट एंगल जीरो से 90 के बीच में ही बनता है.

3. स्ट्रेट एंगल(सीधा कोण)- इस एंगल को ऋजुकोण भी कहा जाता है. इस एंगल में एक सीधी रेखा होती है. दो सीधी रेखा जिनकी समाप्ति बिंदु एक ही होती है. कई लोग तो इसे एंगल भी नहीं मान पाते, लेकिन यह एक एंगल है. इस एंगल की माप 180 डिग्री होती है.

4. ऑब्ट्यूज एंगल(अधिक कोण)- यह एंगल देखने में थोड़ा अजीब और अलग लगता है. यह राइट एंगल और स्ट्रेट एंगल के बीच में होता है. कहें तो 90 और 180 डिग्री के बीच में कहीं.

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हमें लगता है कि अब आप इन तमाम एंगल्स को समझ गए होंगे. यदि फिर भी कोई दिक्कत होती है तो प्रोट्रेक्टर (चांद या डी) का सहारा लें. आप बिना किसी दिक्कत के सारे एंगल्स (कोण) बना सकेंगे.

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