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देश में संस्कृत शिक्षा और शिक्षण को बढ़ावा देने की पहल के तहत यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने संस्कृत से जुड़े शिक्षकों का डाटाबैंक तैयार करने का प्रस्ताव किया है और विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थाओं से इस बारे में जानकारी प्रदान करने को कहा है.
यूजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश ने इस संबंध में देश के 126 विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि यूजीसी देश में संस्कृत की शिक्षा को अधिक विकास एवं उसे बढ़ावा देने के लिए एक योजना तैयार करने की प्रक्रिया में है.
इस पहल के तहत आयोग संस्कृत की शिक्षा में लगे शिक्षकों का डाटा तैयार करने के लिए विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है. इसमें कहा गया है, इस पत्र के माध्यम से मैं आपसे संस्थान में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्यौरा प्रदान करने का अाग्रह करता हूं, ताकि उन्हें प्रस्तावित डाटाबैंक में शामिल किया जा सके.
आयोग के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा है कि मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक वेबपोर्टल भारतवाणी पेश किया है जिसका मकसद भारत में सभी भाषाओं के बारे में जानकारी साझा करना है. मैसूर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ इंडियन लैंग्वेज (सीआईआईएल) को इस पहल का प्रबंधन करने का दायित्व सौंपा गया है.