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कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में स्कूल कॉलेजों में छुट्टी है. सरकार और बोर्ड के सामने बच्चों के भविष्य की चिंता है. कैसे बच्चों का सिलेबस कम समय में पूरा होगा. इसी चिंता को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड के बाद यूपी बोर्ड ने 16 जुलाई को सिलेबस में 30 प्रतिशत कटौती की घोषणा की थी.
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से सोमवार देर रात वेबसाइट पर जारी किए गए संशोधित 131 पृष्ठ के पाठ्यक्रम में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए है. बता दें कि अब बचा हुआ 70 फीसदी पाठ्यक्रम 3 भाग में पढ़ाया जाएगा. इसके पहले भाग में वो पाठ्यक्रम होगा जिसे कक्षावार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर ऑनलाइन पढ़ाया जाए. इस पूरे पाठ्यक्रम को टीवी चैनल पर भी प्रसारित किया जाएगा. दूसरे भाग में वो पाठ्यक्रम लिया जाएगा, जिसे छात्र-छात्राएं खुद पढ़ सकें. इसके बाद तीसरा भाग प्रोजेक्ट आधारित होगा.
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जानिए 12वीं में कहां से क्या हटा
नये संसोधित सिलेबस में बोर्ड की ओर से 12वीं में हिंदी विषय से इस वर्ष व्यंगकार हरिशंकर परसाई के निंदा रस को बाहर कर दिया गया है. वहीं अंग्रेजी से मर्चेंट ऑफ वेनिस और नागरिक शास्त्र से स्वतंत्र भारत की राजनीति में एक दल के प्रभुत्व का दौर एवं कांग्रेस कार्य प्रणाली की चुनौतियां को हटा दिया गया है.
समाजशास्त्र में भूमंडलीकरण के आयाम से जनसंपर्क माध्यम एवं संचार विषय को भी हटाया गया है. इतिहास के कोर्स से भौतिक स्रोतों के आधार पर विभाजन में 1040 का इतिहास एवं राष्ट्रीयता, संप्रदायवाद एवं विभाजन हटा है.
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दसवीं में हटे ये चेप्टर
इसी प्रकार से दसवीं में गणित के कोर्स से बच्चों के बीच लोकप्रिय बहुपद (पॉलीनामियल), वृत्त, प्रायिकता एवं त्रिकोणमिति से सर्वसमिका के महत्वपूर्ण अंश को हटा दिया गया है. सामाजिक विज्ञान से भारत के प्रमुख राष्ट्रीय दल एवं क्षेत्रीय दलों के बारे जानकारी को कोर्स से बाहर किया गया है.
विज्ञान में धातु, अधातु के गुणधर्म, आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण के आरंभिक प्रयास, प्राकृतिक संसाधन, हमारा पर्यावरण, विद्युत प्रभाव, विद्युत चुंबकीय प्रभाव को हटाया गया है. 10वीं से हिंदी में सुमित्रानंदन पंत के चंद्रलोक में प्रथमवार, महादेवी वर्मा के वर्षा सुंदरी के प्रति, माखनलाल चतुर्वेदी के जवानी सहित समास में कर्मधारय, बहुब्रीहि को हटा दिया गया है.