
उत्तर प्रदेश में सुरक्षा मानक पूरा न हो पाने की वजह से बांदा जिले के राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज की मान्यता छिन गई है. प्राचार्य ने यह जानकारी गुरुवार को दी. राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय के प्राचार्य डॉ. मुकेश यादव ने बताया कि 104 एकड़ क्षेत्रफल वाले मेडिकल कॉलेज में 50 से अधिक बहुमंजिला इमारते हैं, लेकिन एक भी सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं है.
इसी को आधार मानकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने चालू एमबीबीएस सत्र की कॉलेज की मान्यता छीन ली है, यहां एमबीबीएस की 100 सीटें हैं.
उन्होंने बताया कि 2016 से वजूद में आए इस कॉलेज में 21 विभाग हैं, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक न होने की वजह से शिक्षण कार्य और मरीजों का उपचार भी बाधित हो रहा है, जिससे छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार की गर्त में है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी और शिक्षकों की तैनाती के लिए राज्य सरकार को लगातार पत्राचार किया गया, फिर भी अनदेखी का आलम बरकरार है.
एलोपैथिक चिकित्सालय की स्टाफ नर्स आरती ने कहा कि यह चिकित्सालय जिला मुख्यालय से तकरीबन सात किलोमीटर की दूरी पर सुनसान इलाके नरैनी रोड में स्थित है. रात में मरीजों के इलाज के लिए ऊपरी मंजिल पर जाने में डर लगता है.